सोशल मीडिया – कैसे बचें अफवाहों से ? 

By निशा, पत्रकारिता छात्रा

कोरोना काल में सोशल मीडिया ने हम सभी के जीवन में महत्वूपर्ण भूमिका निभाई है। दफ़्तर, बाज़ार, शिक्षा यहाँ तक की शादी ब्याह भी इंटरनेट यानि सोशल मीडिया के माध्यम से होने लगे। जहाँ एक तरफ़ कोरोना संकट में इंटरनेट मनुष्य जीवन में एक वरदान साबित हुआ है वहीं समाज के कुछ असामाजिक तत्व, अज्ञानी लोगों ने इसका इस्तेमाल अफवाहों को फैलाने और लोगों का ध्यान बुरी बातों की और आकर्षित करने में किया।

आए दिन हमें कोरोना वायरस को लेकर झूठी खबरों के रूप में अफवाहें सोशल मीडिया पर देखने , सुनने, पढ़ने को मिलती है तथा वो सूचना समाज के लिए घातक होती है। लंबे समय से स्कूल कॉलेज बंद होने के कारण शिक्षा व्यवस्था भी इंटरनेट पर शिफ्ट हो गई है और यही वजह है की अब पढ़ाई से जुड़ी झूठी बातें भी सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल होने लगी है।

देश के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 31 दिसंबर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट ट्विटर पर यह घोषणा की कि सीबीएसई की 10वीं व 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा 4 मई से 10 जून 2021 के बीच  होगी। इसके बाद ही सोशल मीडिया पर  सीबीएसई की 10वीं व 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा की नकली डेटशीट वायरल होने लगी।

सोशल मीडिया पर हमें फॉलो करें – 

सरकार को ऐसी हरकत करने वालोंं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है क्योकिं ऑनलाइन क्लास की वजह से विधार्थियों में वैसे ही तनाव थकान की समस्या हो रही है। ऐसे में परीक्षा को लेकर झूठी खबरों से उनके दिमाग पर बुरा असर पड़ेगा और वो परेशान भी हो जाएंगे। आज लोगों को खुद पर विचार करने की आवश्यकता है कि हमें सोशल मीडिया पर सही जानकारी पर ही भरोसा करना चाहिए साथ ही सही सूचना को ही दूसरों तक फॉरवर्ड चाहिए क्योकि यह एक ऐसा मीडिया का माध्यम है जहाँ अफवाहें आग से भी कहीं ज्यादा तेजी से फैलती हैं।

इसे भी पढ़ें :  अयोध्या में श्री राम मन्दिर के निर्माण का अवसर राष्ट्रीय गौरव के पुनर्जागरण का प्रतीक है - Column by Mohan Bhagwat

नोट – यह लेखक के निजी विचार हैं। लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता एवं संपूर्णता के लिए सिर्फ लेखक ही उत्तरदायी है। आप भी हमें अपने विचार या लेख- onlypositivekhabar@gmail.com पर मेल कर सकते हैं।

 

(लेखिका – निशा, दिल्ली विश्वविद्यालय में पत्रकारिता की छात्रा हैं।)