देश में क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार अगले महीने क्रूज नीति लाने जा रही है। इसका मकसद क्रूज जहाजों की संख्या में दस गुना बढ़ोतरी कर भारत को क्रूज पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाना है।
क्रूज पर्यटन के लिए कार्य योजना पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में क्रूज पर्यटन के विकास की बड़ी संभावनाएं हैं। अभी भारत में केवल 70 क्रूज जहाज हैं और सरकार आने वाले दिनों में इसकी संख्या बढ़कर 700 तक पहुंचाना चाहती है ।
गडकरी के मुताबिक क्रूज पर्यटन में भारतीय अर्थव्यवस्था का इंजन बनने की क्षमता है क्योंकि अभी यहां इस क्षेत्र का विकास नहीं हुआ है। कोई नीति भी नहीं है। इसलिए सबसे पहले हम क्रूज नीति लाने जा रहे हैं। इसके बाद ही इस क्षेत्र का वास्तविक विकास होगा। नीति की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक कार्यदल का गठन किया गया है, जिसमें जहाजरानी व पर्यटन सचिव को शामिल किया गया है।
कार्ययोजना तीन महीने में तैयार हो जाएगी। कार्ययोजना के तहत देश के पांच बंदरगाहों-मुंबई, गोवा, न्यू मंगलूर, चेन्नई तथा कोचीन में क्रूज टर्मिनल विकसित किए जाएंगे। भारत की 7500 किलोमीटर लंबी तटीय सीमा पर क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अब तक नीतियों में ढील देने के अलावा वैश्विक कंसल्टेंट की नियुक्ति की गई है। इन्हें भारत के लिए क्रूज पर्यटन का ऐसा रोडमैप बनाने को कहा गया है जिसमें व्यवसाय के अलावा ढाई लाख रोजगार पैदा हो सकें।
वर्ष 2016-17 में भारत में 1.76 लाख क्रूज यात्रियों का आवागमन हुआ जो वैश्रि्वक क्रूज पर्यटन का मात्र 0.5 फीसदी है। ऐसा अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के सीमित आवागमन तथा आधुनिक क्रूज टर्मिनल न होने के कारण है। यही वजह है कि सरकार बंदरगाहों में क्रूज टर्मिनलों का विकास करने जा रही है।
यहां होटल, शापिंग कांप्लेक्स, रेस्त्रां आदि की व्यवस्था होगी। पांच प्रमुख बंदरगाहों के अलावा 200 छोटे बंदरगाहों पर क्रूज पर्यटन के लिए घाटों (जेट्टी) का विकास भी किया जाएगा। गडकरी के मुताबिक ‘क्रूज पर्यटन के जरिए विदेशी पर्यटन भारत में विदेशी मुद्रा लाएंगे और यह विदेशी मुद्रा संग्रह का बड़ा स्रोत साबित होगा।’