सोनिया गांधी के सबसे वफादार साथी अहमद पटेल का निधन

कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता, सोनिया गांधी के सबसे वफादार साथी अहमद पटेल का बुधवार सुबह निधन हो गया। गांधी परिवार के सबसे खास माने जाने वाले अहमद पटेल दशकों तक कांग्रेस के सबसे बड़े रणनीतिकार माने जाते रहें और यहां तक कि जब-जब कांग्रेस के अंदर और बाहर गांधी परिवार को लेकर सवाल उठे , अहमद पटेल इन आवाजों को शान्त करने के लिए सबसे पहले आगे आए।

अहमद पटेल 1 अक्टूबर को कोरोना संक्रमित हुए थे। उन्हें 15 अक्टूबर को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बुधवार को उनके बेटे फैज़ल ने ट्वीट करके अपने पिता के निधन की दुःखद जानकारी को सार्वजनिक किया।

अहमद पटेल के निधन की जानकारी देते हुए उनके बेटे ने ट्वीट किया,

” बड़े दुख के साथ मैं यह बताना चाहता हूं कि मेरे पिता अहमद पटेल का बुधवार देर रात 3.30 बजे निधन हो गया है। करीब एक महीने पहले उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी और उनके शरीर के कई अंग काम करना बंद कर चुके थे, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। अल्लाह उन्हें जन्नत फरमाए। ”

 

फैजल ने अपने सभी शुभचिंतकों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की और साथ ही सबसे सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने को भी कहा ।

सोनिया-राहुल गांधी ने जताया शोक

अपने सबसे भरोसेमंद सहयोगी के निधन पर शोक संदेश जारी करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा,” मैंने ऐसा सहयोगी खो दिया, जिसने अपनी पूरी जिंदगी कांग्रेस को समर्पित कर दी थी। उनकी विश्वसनीयता, काम के प्रति समर्पण, दूसरों की मदद करने जैसे गुण उन्हें दूसरों से अलग बनाते थे। उनकी क्षतिपूर्ति नहीं हो सकती। उनके परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। ”

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राहुल गांधी ने पटेल के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया, “आज दुखद दिन है। अहमद पटेल कांग्रेस पार्टी के स्तंभ थे। वे हमेशा पार्टी के लिए जिए और कठिन वक्त में हमेशा पार्टी के साथ खड़े रहे। हमेशा उनकी कमी खलेगी।”

 

 

पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया दुख

अहमद पटेल के निधन पर दुःख जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ” अहमद पटेल जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने कई साल सार्वजनिक जीवन में समाज के लिए काम किया। उन्हें अपने तेज दिमाग के लिए जाना जाता था। कांग्रेस को मजबूत करने के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। मैंने उनके बेटे फैजल से बात की है। उनकी आत्मा को शांति मिले। ”

 

भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत भारत सरकार के कई मंत्रियों, भाजपा के कई दिग्गज नेताओं और मुख्यमंत्रियों ने भी पटेल के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया।

अहमद पटेल के राजनीतिक कद का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वो देश की संसद में 8 बार गुजरात के प्रतिनिधि के तौर पर जा चुके हैं। 71 वर्षीय पटेल 1977 से लेकर 1989 के बीच गुजरात से 3 बार लोकसभा चुनाव जीते थे वहीं वह 5 बार राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं।

 

71 वर्षीय अहमद पटेल ने अपने लंबे राजनीतिक करियर में गांधी परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ काम किया है। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी , सोनिया गांधी के बाद राहुल गांधी भी राजनीतिक सलाहों के लिए अहमद पटेल पर भरोसा करते थे और इनकी बात को गौर से सुना करते थे।

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संतोष पाठक, वरिष्ठ पत्रकार

वरिष्ठ पत्रकार और लंबे समय तक दिल्ली की राजनीतिक घटनाओं पर सक्रिय रिपोर्टिंग करने वाले संतोष पाठक ने बताया कि, ” अहमद पटेल की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वो सबके भाई थे। मनमोहन सरकार के कार्यकाल के दौरान जहां तमाम दिग्गज मंत्रियों के लिए वो AP- अहमद भाई थे वहीं पार्टी के तमाम छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं के लिए भी वो AP – अहमद भाई ही थे। भाजपा में उनके धुर विरोधी भी उन्हें अहमद भाई ही कहा करते थे और पत्रकारों के लिए तो वो हमेशा अहमद भाई ही रहे। अहमद पटेल हमेशा दूसरों की मदद करने और संवाद के लिए तैयार रहते थे। राजनीतिक शत्रुता और कटुता को उन्होंने कभी भी अपने व्यक्तिगत जीवन में कोई स्थान नहीं दिया।”

अहमद पटेल को विनम्र श्रद्धांजलि।