बाबा रामदेव की पतंजलि को सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी, बीमारी ठीक करने का गलत दावा किया तो लगाया जाएगा एक करोड़ रुपये का जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बाबा रामदेव से जुड़े पतंजलि आयुर्वेद को गलत प्रचार के लिए कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पतंजलि ने अपने प्रोडक्ट्स से बीमारी के इलाज का गलत दावा किया तो कोर्ट उस पर एक करोड़ का जुर्माना लगा देगी।

देश की सुप्रीम अदालत ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा दायर एक याचिका पर विचार करने के दौरान मंगलवार को इस कठोर टिप्पणी के साथ अपना आदेश सुनाया। IMA ने अपनी याचिका में यह आरोप लगाया था कि पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन एलोपैथी को नीचा दिखाते हैं और कुछ बीमारियों के इलाज के बारे में झूठे दावे करते हैं। आईएमए ने आगे तर्क दिया कि पतंजलि के दावे असत्यापित हैं और ड्रग्स एंड अदर मैजिक रेमेडीज एक्ट, 1954 और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 जैसे कानूनों का सीधा उल्लंघन हैं।

अदालत ने केंद्र सरकार से इस संबंध में व्यावहारिक सिफारिशें पेश करने को भी कहा है। सुनवाई की अगली तारीख 5 फरवरी, 2024 तय की गई है।

एलोपैथिक दवाओं को निशाना बनाकर भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पतंजलि आयुर्वेद को यह कड़ी फटकार लगाई। जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने पतंजलि को चेतावनी दी कि अगर यह गलत दावा किया गया कि उसके उत्पाद कुछ बीमारियों को ठीक कर सकते हैं तो उस पर एक करोड़ का जुर्माना लगाया जाएगा। अदालत ने पतंजलि आयुर्वेद को यह भी आदेश दिया कि वह भविष्य में ऐसे किसी भी भ्रामक विज्ञापन का प्रकाशन बंद करे। अदालत ने कहा कि पतंजलि को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह प्रेस में आकस्मिक बयान देने से बचे।

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