स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री बाबा साहेब अंबेडकर की आज पुण्यतिथि है। बाबा साहेब ने स्वतंत्र भारत का संविधान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरा देश भारतीय संविधान के निर्माता डॉ भीम राव अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा साहेब को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ट्वीट किया , ” महापरिनिर्वाण दिवस पर महान डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर को याद करता हूं। उनके विचार और आदर्श लाखों लोगों को शक्ति प्रदान करते हैं। हमारे राष्ट्र के लिए उन्होंने जो सपने देखे थे, हम उन्हें पूरा करने के लिए कटिबद्ध हैं। ”
देश और दुनिया में , ज्यादातर लोगों का यह मानना है कि बाबा साहेब दलितों के मसीहा थे। उनकी जिद पर ही देश के संविधान में आरक्षण का प्रावधान किया गया था। लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं कि बाबा साहेब सिर्फ दलितों के ही मसीहा नहीं थे , बल्कि वो देश के आम मजदूरों के भी मसीहा थे। देश के संविधान और कानून में मजदूरों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए जितने भी प्रावधान किए गए थे , वो सब देश के पहले कानून मंत्री बाबा साहेब अंबेडकर के विजन के कारण ही शामिल किए गए थे।
आपको बता दें कि 15 अगस्त 1947 को देश के आजाद होने के बाद हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती एक ऐसा संविधान तैयार करने की थी जो आजादी के आंदोलन के मूल सिद्धांत को साथ लेते हुए सबके हितों की रक्षा करने वाला हो , न्यायकारी हो और सबको विकास के रास्ते पर ले जाने वाला हो। ऐसे में संविधान सभा के तत्कालीन अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद और प्रथम कानून मंत्री बाबा साहेब अंबेडकर के महत्वपूर्ण योगदान की वजह से ही भारतीय संविधान तैयार हो पाया था। इसलिए बाबा साहेब को संविधान निर्माता भी कहा जाता है। बाबा साहेब एक बड़े क़ानूनविद्द और समाज सुधारक के तौर पर भी जाने जाते हैं।
देश के पहले कानून मंत्री बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का निधन 6 दिसंबर, 1956 को दिल्ली स्थित उनके घर पर हुआ था , यानि आज उनकी पुण्यतिथि है। उनकी पुण्यतिथि को ही देशभर में महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है। उन्हें मरणोपरांत 1990 में भारत रत्न दिया गया।