बुंदेलखंड इलाके में पानी की समस्या कितनी भयावह है , इससे हम सब भलि-भांति परिचित है । ऐसे में बुंदेलखंड के एक जिले बांदा में जमीन के नीचे पानी यानि भूजल बढ़ाने का एक अभियान चलाया गया ताकि पीने योग्य पानी को बचाया जा सके। अभियान कामयाब रहा और इतना कामयाब रहा कि बांदा के भूजल बढ़ाओ पेयजल बचाओ अभियान का संज्ञान लेते हुए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड ने भी इसे अपने रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया है।
बांदा के पूर्व जिलाधिकारी हीरा लाल ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के सर्टिफिकेट को शेयर करते हुए इस अभियान का नाम रिकॉर्ड में दर्ज होने की जानकारी दी। लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के मुताबिक जिलाधिकारी हीरा लाल के नेतृत्व में पिछले वर्ष जिले में एक महीने तक भूजल बढ़ाओ पेयजल बचाओ अभियान चलाया गया।
26 फरवरी से लेकर 25 मार्च , 2019 तक चलाए गए इस अभियान में जिले में 2183 हैंड पंपों के आसपास 2605 (समोच्च खाइयों वाले ढांचे ) घेरों का निर्माण किया गया । समोच्च खाइयों का निर्माण किया। इस दौरान 470 ग्राम पंचायतों में 260 कुओं का भी निर्माण किया गया। लोगों में भूजल संरक्षण को लेकर जागरूकता पैदा करने के लिए इस दौरान गांवो में 469 जल चौपाल कार्यक्रम ( ग्राम जल संसद ) का भी आयोजन किया गया।
दरअसल , बांदा के तत्कालीन जिलाधिकारी हीरा लाल ने स्थानीय जिला प्रशासन, वाटर एड इंडिया, अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान और महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के अलावा अन्य कई संस्थाओं के सहयोग से जिले में भूजल बढ़ाओ पेयजल बचाओ अभियान चलाया था । लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड का यह रिकॉर्ड बताने के लिए काफी है कि यह योजना कितनी कामयाब रही।