बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव देश के पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने मणिपुर जाने के लिए इनर लाइन परमिट – ILP लिया है. आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में मणिपुर में भी इनर लाइन परमिट सिस्टम लागू करने का वायदा किया था. 11 दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के दस्तखत करने के साथ इनर लाइन परमिट व्यवस्था मणिपुर में लागू कर दी गई.
दरअसल , आईएलपी सिस्टम वाले राज्यों में देश के दूसरे राज्यों के लोगों समेत बाहरियों को भी प्रवेश के लिए अनुमति लेनी पड़ती है. भूमि की खरीद-बिक्री और रोजगार के संबंध में भी राज्य के स्थानीय लोगों को संरक्षण और अन्य सुविधाएं मिलती हैं.
आपको बता दें कि अरूणाचल प्रदेश, नगालैंड और मिजोरम के बाद मणिपुर देश का चौथा राज्य बन गया है जहां पर आईएलपी को लागू किया गया है. इसी व्यवस्था के तहत राम माधव को 13 दिसंबर से 19 दिसंबर तक कुल मिलाकर 7 दिनों तक मणिपुर में रहने की अनुमति मिली है.
ILP की व्यवस्था बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर नियमन 1873 के अंतर्गत लागू की गई है. इस कानून के मुताबिक जिन राज्यों में भी यह लागू रहता है वहां जाने के लिए अन्य राज्यों के नागरिकों कोआईएलपी लेना पड़ता है. ILP System का मुख्य मकसद उस राज्य विशेष के मूल लोगों के हितों की रक्षा करना है.