कोरोना संकट की वजह से विपक्षी दलों के निशाने पर आए सरकार ने बजट सत्र का बुलाने का फैसला किया है। मतलब साफ है कि कोरोना संकट के बावजूद संसद का बजट सत्र होगा। लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों की बैठक होगी। मोदी सरकार अगले साल का बजट पेश करेगी और सबसे पहले परंपरा के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए सरकार का एजेंडा भी सांसदों के सामने रखेंगे।
इस बार संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा। पहले दिन यानि 29 जनवरी को ही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगे। बजट सत्र दो हिस्सों में होगा। पहला हिस्सा 29 जनवरी को शुरू होकर 15 फरवरी तक चलेगा। वहीं बजट सत्र का दूसरा हिस्सा 8 मार्च से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलेगा।
एक फरवरी को पेश किया जाएगा आम बजट
मोदी सरकार 1 फरवरी को पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में अगले वर्ष के लिए आम बजट पेश करेगी। आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पिछले साल अक्टूबर में ही 2021-22 के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा और वर्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का तीसरा बजट होगा। इस बार का बजट कई मायनों में काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि कोरोना संकट को देखते हुए एक तरफ जहां सरकार की आमदनी प्रभावित हुई है वहीं दूसरी तरफ खर्चों को लगातार बढ़ाने की जरूरत भी है ताकि अर्थव्यवस्था में तेजी आ सके।
कोरोना वायरस से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का किया जाएगा पालन
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि संसद सत्र की तारीखें संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति अर्थात CCPA ही तय करता है। बताया जा रहा है कि सीसीपीए की सिफारिशों के मद्देनजर, राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदन 4-4 घंटे के लिए ही बैठक करेंगे। बैठक के दौरान न केवल दो गज दूरी का ख्याल रखा जाएगा बल्कि साथ ही सत्र के दौरान कोरोना वायरस से जुड़े सभी प्रोटोकॉलों का भी विशेष तौर पर पालन किया जाएगा।