केंद्र सरकार ने सीआरपीएफ की सुरक्षा प्राप्त कई वीवीआईपी की सुरक्षा कम कर दी है । इसमें कई पार्टियों के केंद्रीय नेता, राज्यों के मंत्री, पार्टी प्रमुख और पत्रकार भी शामिल हैं। केंद्र ने यह कदम वास्तविक सुरक्षा की जरूरतों और मिल रही सुरक्षा के बीच गैप के मद्देनजर उठाया है।
इन नेताओं की कम हुई सुरक्षा
सुरक्षा की घटी लिस्ट में सबसे पहला नाम मायावती के करीबी सतीश चंद्र मिश्रा का है । बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को अब तक जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई थी । जिसके तहत उन्हे दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ दोनों की सुरक्षा हासिल थी। लेकिन अब इन्हें सेंट्रल लिस्ट से बाहर कर दिया गया है यानि अब इन बसपा नेता को सिर्फ उत्तर प्रदेश के भीतर ही जेड श्रेणी का सुरक्षा कवर मिलेगा।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी और को भी इस सेंट्रल लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। वहीं मुजफ्फरनगर दंगों से चर्चा में आए बीजेपी के विधायक संगीत सोम को केवल यूपी में ही वाई सिक्योरिटी का सीआरपीएफ कवर मिलेगा। पहले इन सभी को जेड श्रेणी की सुरक्षा हासिल थी।
लोजपा सांसद चिराग पासवान और पूर्व सांसद पप्पु यादव दोनों को अभी तक वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी जिसे घटाकर वाई श्रेणी का कर दिया गया है। दोनों से ही सीआरपीएफ कवर भी वापिस ले लिया गया है।
विवादास्पद बयानों के लिए मशहूर बीजेपी सांसद साक्षी महाराज के साथ भी यही हुआ है। उनके पास अभी तक वाई प्लस श्रेणी की सिक्योरिटी थी जिसे घटाकर वाई श्रेणी का कर दिया गया है। उनसे भी सीआरपीएफ कवर वापिस ले लिया गया है।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व चारा घोटाले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव की सुरक्षा भी घटा दी गई है। इनके अलावा बिहार के पूर्व सांसद जितेंद्र स्वामी, पूर्व सांसद साबिर अली, पूर्व सांसद उदय सिंह और पूर्व सांसद वीणा देवी की सुरक्षा हटा दी गयी है।
इन मंत्रियों की भी घटी सुरक्षा
यूपी सरकार में केबिनेट मंत्री सुरेश राणा को भी सेंट्रल लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। इसी तरह वाई प्लस की सुरक्षा प्राप्त यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा को भी सेंट्रल लिस्ट से बाहर कर दिया गया है । यानि इन दोनों को अब केवल यूपी में ही सुरक्षा कवर मिलेगा।
तीन संपादकों के सुरक्षा कवर पर भी चली कैंची
गृह मंत्रालय के सिक्योरिटी रिव्यू का असर तीन संपादकों को मिल रही सुरक्षा पर भी पड़ा है । इनमें सबसे बड़ा नाम आनंद बाजार पत्रिका ग्रुप के अवीक सरकार का है। अवीक सरकार को सीआरपीएफ की तरफ से एक्स कैटिगरी सिक्योरिटी मिली हुई थी। उन्हें अब सेंट्रल लिस्ट से ही हटा दिया गया है। यानि उनको कोई भी सिक्योरिटी अब केंद्र सरकार की किसी भी केंद्रीय एजेंसी या सेंट्रल फोर्स के जरिए नहीं दी जाएगी, राज्य सरकार ने अगर कोई सिक्योरिटी दी है, तो उसका फैसला राज्य सरकार करेगी।
पंजाब केसरी के संपादक अश्विनी चोपड़ा जो करनाल से बीजेपी के सांसद रह चुके हैं और जिन्हे ए.के मिन्हा के नाम से भी जाना जाता है। अब तक केंद्र सरकार उन्हें दिल्ली को छोड़कर पूरे देश में सीआरपीएफ जेड प्लस कैटिगरी का सिक्योरिटी कवर दे रही थी, लेकिन अब उनकी सिक्योरिटी को घटाकर जेड कैटगरी में कर दिया गया है और सीआरपीएफ का कवर हटा लिया गया है।
समाचार प्लस के एडिटर-इन-चीफ उमेश कुमार को भी अवीक सरकार की तरह ही सेंट्रल लिस्ट से हटा दिया गया है। यानि उनको कोई भी सिक्योरिटी अब केंद्र सरकार की किसी भी केंद्रीय एजेंसी या सेंट्रल फोर्स के जरिए नहीं दी जाएगी, राज्य सरकार ने अगर कोई सिक्योरिटी दी है, तो उसका फैसला राज्य सरकार करेगी ।उन्हें अभी तक वाई कैटिगरी के तहत सीआरपीएफ कवर दिया जा रहा था।