सोमवार को राज्यसभा तो वहीं मंगलवार को लोकसभा ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के प्रस्ताव संबंधी संकल्प और जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी. लोकसभा में सरकार के प्रस्ताव के पक्ष में 370 सांसदों ने वोट किया तो वहीं विपक्ष में सिर्फ 70 सांसदों ने .
लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान के अनुच्छेद 370 को भारत तथा जम्मू कश्मीर को जोड़ने में रुकावट करार देते हुए कहा इस अनुच्छेद की अधिकतर धाराओं को समाप्त करके सरकार ऐतिहासिक भूल को सुधारने जा रही है .
गृह मंत्री ने सदन को आश्वासन दिया कि स्थिति सामान्य होते ही जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने में इस सरकार को कोई परेशानी नहीं है . उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद भारत के संविधान के प्रावधान पूरे जम्मू कश्मीर पर लागू होंगे और इस तरह 35ए भी निष्प्रभावी हो गया .
आपको बता दे कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 के मुताबिक एक नया केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख बनाया गया है जिसमें विधानसभा नहीं होगी वहीं जम्मू कश्मीर को भी केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है लेकिन इसमें विधानसभा भी होगी और मुख्यमंत्री भी बनेगा .
जम्मू कश्मीर की विधानसभा में चुने जाने वाले सीटों की कुल संख्या 107 होगी . इसके अलावा जब तक पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू कश्मीर संघ शासित प्रदेश के भू भाग का अधिग्रहण नहीं होता है और उस क्षेत्र में रह रहे लोग अपने प्रतिनिधि नहीं चुनते हैं तब तक विधानसभा में 24 सीटें खाली रहेंगी .