कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए अब किसी भी प्रकार के सामाजिक या धार्मिक सम्मेलन या समारोह के आयोजन की अनुमति बिल्कुल नहीं दी जाएगी और न ही इस तरह के किसी भी कार्यक्रम का आयोजन होने दिया जाएगा। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी पैनी निगाह बनाये रखने को कहा गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बार फिर से लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश भी दिया है।
कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे खतरें को देखते हुए एक बार फिर से भारत सरकार ने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड-19 लॉकडाउन के उपायों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा है। इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अप्रैल के महीने में आने वाले अनेक त्योहारों को देखते हुए सभी को विशेष निर्देश दिया है कि किसी भी सामाजिक या धार्मिक सम्मेलन या कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति कतई नहीं दी जाए।
लॉकडाउन के उपायों पर जारी समेकित दिशा-निर्देशों में उल्लिखित विशिष्ट पाबंदियों के बारे में जिलों के अधिकारियों और फील्ड एजेंसियों को सूचित कर दिया गया है। इसके साथ ही यह भी सूचित किया गया है कि उन्हें कानून-व्यवस्था, अमन और सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक एहतियाती/निवारक उपाय करने चाहिए। इन निर्देशों में यह भी कहा गया है कि किसी भी आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार को अंकुश में रखने के लिए सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जानी चाहिए।
इन निर्देशों के अंतर्गत यह अनुरोध किया गया है कि सार्वजनिक प्राधिकरणों, सामाजिक/धार्मिक संगठनों और नागरिकों के ध्यानार्थ लाने के लिए दिशा-निर्देशों के संबंधित प्रावधानों का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। इन निर्देशों में यह भी कहा गया है कि किसी भी लॉकडाउन उपाय का उल्लंघन होने की स्थिति में कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और आईपीसी के संबंधित दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
देश में कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों और राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के प्राधिकरणों द्वारा किए जाने वाले लॉकडाउन उपायों पर समेकित दिशा-निर्देश गृह मंत्रालय द्वारा 24 मार्च 2020 को अधिसूचित किए गए थे और इनमें 25 मार्च 2020, 27 मार्च 2020, 02 अप्रैल 2020 तथा 03 अप्रैल 2020 को संशोधन किए गए थे। समेकित दिशा-निर्देशों के अनुच्छेद 9 और 10 में कहा गया है कि बिना किसी अपवाद के किसी भी धार्मिक सभा के आयोजन की अनुमति नहीं दी जाएगी और सभी सामाजिक/सांस्कृतिक/धार्मिक समारोहों/सम्मेलनों पर रोक या पाबंदी रहेगी।