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दिल्ली में चुनावी गर्मी अपने चरम पर है। राजनीतिक दलों के बीच तीखी बयानबाज़ी हो रही है। राजनीतिक विश्लेषक दिल्ली को लेकर कई तरह के कयास लगा रहे हैं। सट्टा बाजार की गर्मी भी अपने चरम पर है और इस बीच दिल्ली में मतदाताओं की संख्या को लेकर एक बड़ी चौंकाने वाली खबर सामने आ रही हैं।
एक तरफ जहां राजनीतिक दलों ने दिल्ली के चुनाव में अपनी पूरी ताकत लगा रखी है। आम आदमी पार्टी सरकार बचाने के लिए जूझ रही है तो वहीं भाजपा दिल्ली में अपने 22 सालों के वनवास को खत्म करना चाहती है। इस दोनों के बीच कांग्रेस भी है जो दिल्ली में अपने गौरवशाली इतिहास को फिर से वापस पाने के लिए चुनावी मैदान में पसीना बहा रही है।
लेकिन इन सबके बीच एक चौंकाने वाली खबर आ रही है। एक हिंदी अखबार ने वरिष्ठ चुनाव अधिकारी का हवाला देते हुए यह दावा किया है कि दिल्ली में 11 लाख से ज्यादा मतदाता गायब हैं , लापता हैं।
आपको बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा अंतिम प्रकाशित मतदाता सूची के मुताबिक दिल्ली में मतदाताओं की कुल संख्या 1 करोड़ 47 लाख 86 हज़ार 382 है।
इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अंतिम प्रकाशित मतदाता सूची में से 11 लाख 55 हज़ार लोग ऐसे हैं जो गायब है। अगर इसे दिल्ली की सभी 70 विधानसभाओं में बांटा जाए तो हर विधानसभा में औसतन 16, 500 मतदाता लापता है। दिल्ली में ज्यादातर सीटों पर इसी अंतर से जीत-हार का फैसला होता आया है और इस बार तो मुकाबला और भी ज्यादा कड़ा है , ऐसे में इन लापता मतदाताओं की संख्या कई सवाल खड़े कर रही है।
हालांकि चुनाव आयोग यह भी दावा कर रहा है कि इन लापता मतदाताओं की अलग से ASD List बनाई जाएगी जिसमें अपने पत्ते से अब्सेंट या शिफ्टेड लोगों का पूरा ब्यौरा होगा। ऐसे लोगों को पूरी पूछताछ और दस्तावेजी जांच के बाद ही वोट करने दिया जाएगा।
ऐसा करना सही भी होगा क्योंकि दिल्ली जैसे छोटे से राज्य में लापता मतदाताओं की यह संख्या निश्चचित तौर पर कई सवाल खड़े करती है और ऐसे में चुनाव आयोग के साथ साथ तमाम राजनीतिक दलों के पोलिंग एजेंट को भी ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है।