दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच शादी समारोह को लेकर दिल्ली सरकार ने नए नियमों की घोषणा कर दी है। दरअसल , शादियों का सीजन शुरू हो चुका है और ऐसे में लगातार दिल्ली सरकार पर नियमों में ढ़ील देने का दवाब बढ़ता जा रहा था।
कोरोना काल में शादी जैसे समारोह पर भीड़ को लेकर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए थे। इसकी वजह से शादी से जुड़े तमाम कारोबार पूरी तरह से ठप्प हो गए थे। कोरोना के चलते होटल उद्योग भी मंदी का सामना कर रहा था। इन तमाम वजहों को देखते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने भी नियमों में बदलाव का ऐलान कर दिया।
शादी समारोह के लिए दिल्ली सरकार ने दी बड़ी रियायत
दिल्ली सरकार ने शादी समारोह में आने वाले मेहमानों की संख्या में ढ़ील देते हुए अब अधिकतम 200 लोगों को विवाह समारोहों में शामिल होने की इजाजत दे दी है। केजरीवाल सरकार के नए फैसले के बाद अब बंद परिसरों में आयोजित विवाह समारोहों में अधिकतम 200 लोगों को शामिल होने की इजाजत होगी। हालांकि खुले परिसर में आयोजित विवाह समारोह में लोगों की संख्या मैदान के आकार पर निर्भर करेगी।
आपको बता दें कि इससे पहले शहर में अधिकतम 50 लोगों को ही शादी समारोहों में शामिल होने की इजाजत थी। पिछले कुछ दिन में राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के बावजूद शादी के सीजन को देखते हुए दिल्ली सरकार ने यह फैसला किया है। हालांकि शादी समारोह में भी कोरोना से बचाव के तमाम नियमों का पालन लोगों को करना होगा।
मास्क और सैनेटाइजर अनिवार्य
दिल्ली सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि बंद हॉल में शादी करने पर अधिकतम 200 लोगों को कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति होगी। इस दौरान बैंक्वेट हॉल मालिक को प्रवेश द्वार पर सैनेटाइजर का होना सुनिश्चित करना होगा। इस दौरान लोगों को कार्यक्रम में मास्क लगाना भी आवश्यक होगा। खुले मैदान में शादी के आयोजन के लिए लोगों की संख्या के संबंध में स्थानीय जिला प्रशासन से इजाजत लेनी होगी।
- शादी में शामिल होने वाले हर व्यक्ति को मास्क पहनना होगा।
- सभी मेहमानों को आपस में दूरी बनाए रखने के नियम का पालन करना होगा।
- शादी समारोह में आने वाले हर मेहमान की थर्मल स्कैनिंग होगी।
- शादी समारोह स्थल पर हैंड सैनिटाइजर की व्यवस्था करनी होगी।
- इसके साथ ही कोरोना से जुड़े तमाम गाइडलाइंस का पालन भी सुनिश्चित करना होगा।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के आदेश में यह भी कहा गया है कि दिल्ली सरकार के तहत आने वाले सभी विभाग, स्वायत्त निकाय, सार्वजनिक उपक्रम, निगम और स्थानीय निकाय 30 नवंबर तक प्रतिबंधित और अनुमति वाली गतिविधियों के संदर्भ में यथास्थिति बनाकर रखेंगे।