भोजन को लेकर मामा शिवराज का ज्ञान सुना क्या ?  क्या, कब और कितना खाएं ?

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरे प्रदेश में मामा के नाम से भी जाने जाते हैं। इस बार प्रदेश में जब से उन्होने कमल ( नाथ) की सत्ता उखाड़ कर अपने कमल ( भाजपा) की सरकार बनाई है तबसे वो भी कुछ बदले-बदले नजर आ रहे हैं। इस बार के शासन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मामा शिवराज लगातार अपने बयानों को लेकर चर्चा में रह रहे हैं।

इस बार फिर से मामा शिवराज के बयान की काफी चर्चा हो रही है। हालांकि इस बार के बयान को विवादित बयान कहना कतई उचित नहीं होगा क्योंकि इस बार उन्होने प्राचीन भारतीय परंपरा का हवाला देते हुए लोगों को खान-पान की बेहतर आदत अपनाने की सलाह दी है।

सुनिए – खान-पान को लेकर क्या बोलें मामा शिवराज सिंह चौहान

 

 

भोजन को लेकर मामा शिवराज सिंह चौहान का बयान

कब खाएं, क्या खाएं और कितना खाएं पर बोलते हुए मामा शिवराज ने कहा कि हमारे भारत में प्राचीन काल से ही उत्तम स्वास्थ्य के लिए ‘हितभुक, मितभुक और ऋतभुक’ का मंत्र दिया गया है।

हितभुक – जो शरीर के लिए हितकारी हो।

 

मितभुक – जितनी भूख हो, उससे कम खायें।

 

ऋतुभुक – मौसम के अनुसार होने वाली सब्जियों और फलों को खाएँ।

 

मामा का ऐलान – हर स्कूल में पोषण वाटिका

इस मौके पर बोलते हुए शिवराज ने ये भी कहा कि , “ प्रत्येक स्कूल में अब हम ‘माँ की बगिया’ तैयार करेंगे। इसमें पोषक तत्वों वाली सब्ज़ियाँ उगेंगी, जो हमारे बच्चे खायेंगे। भोजन सुरक्षित स्थान पर बने, इसके लिए किचिन शेड भी ज़रूरी है। हर शाला के निर्माण के साथ किचिन शेड बनाए जाएंगे। घर या पोषण वाटिका में उगाई गई सब्जी बाजार से आने वाली सब्जी से कई गुना बेहतर होती है। इसलिए मैं यह चाहता हूँ कि हर स्कूल में पोषण वाटिका तैयार हो। “

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CM शिवराज ने भोपाल में ढाई हजार किचन शेड और 7100 पोषण वाटिकाओं का लोकार्पण करते हुए ये बातें कहीं।