पप्पू कॉलोनी के लोगों ने रविवार को पार्षद सरदार सिंह भाटी पर शमशान घाट व कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले उनका पूतला फूंका . स्थानीय लोगों ने सरदार सिंह भाटी और उनके साथियों पर आरोप लगाया कि वे शमशान घाट और कब्रिस्तान की जमीन पर काम नहीं होने दे रहे हैं . नगर निगम कोई काम करने की योजना बनाता है तो वो अड़ंगा लगा देते हैं .
RWA ने मुख्यमंत्री को लिखा शिकायती पत्र
RWA का कहना है कि पप्पू कॉलोनी में शमशान घाट की खाली भूमि पर पिछले 20 सालों से भी अधिक समय से क्षेत्र की जनता शमशान घाट बनाने की मांग कर रही है . लेकिन इस पर अवैध कब्जा करने की नीयत से भाटी ऐसा होने नहीं दे रहे है . अब यह खाली भूमि पार्षद सरदार सिंह भाटी के वार्ड 37 से हटकर वार्ड नंबर 10 में आ गई है लेकिन फिर भी पार्षद अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इसमें रुकावट डाल रहे हैं .
स्थानीय RWA ने तो सरदार सिंह भाटी को बकायदा भू माफिया बताते हुए एक पत्र गाज़ियाबाद नगर आयुक्त को लिख कर पार्षद पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए गए हैं . जांच करवाने की मांग वाले इस गंभीर आरोपों से भरे पत्र की कॉपी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , मंत्री सुरेश खन्ना , स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह , विधायक सुनील शर्मा , गाज़ियाबाद के मेयर , डीएम , वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ साथ GDA के उपाध्यक्ष को भी भेजा गया है . आप इस पत्र को नीचे हूबहू पढ़ सकते हैं।
सरदार सिंह भाटी ने किस पर किया पलटवार
सरदार सिंह भाटी अपने ऊपर भला सीधा हमला कैसे बर्दास्त कर पाते और उन्होंने सीधे-सीधे हमला बोल दिया केंद्रीय मंत्री और स्थानीय सांसद के प्रतिनिधि संजीव शर्मा और उनके साथियों पर. भाटी के मुताबिक उनका पूतला इलाके के दबंग नेता और पार्षद पति पप्पू पहलवान, सांसद प्रतिनिधि संजीव शर्मा और उनके साथी यशपाल पहलवान के कहने पर फूंका गया . भाटी ने उल्टा यह आरोप लगाया कि ये लोग डिस्पेंसरी के पास नगर निगम की जो जमीन हैं उस पर कब्जा करना चाहते हैं . स्थानीय लोगों के आरोपों को नकारते हुए सरदार सिंह भाटी ने दावा किया कि परिसीमन के आधार पर ये दोनों जगह कब्रिस्तान और शमशान वार्ड 37 में आती हैं और वो खुद चाहते हैं कि इस भूमि पर शमशान घाट और कब्रिस्तान जल्द से जल्द बने .
सांसद प्रतिनिधि संजीव शर्मा ने भी दिया भाटी का जवाब
सरदार सिंह भाटी के आरोपों को खारिज करते हुए संजीव शर्मा ने कहा कि उनका इस पूरे मामले से कोई लेना देना नहीं है . यह दो वार्डो और पार्षदों के बीच का मामला है . उन्होंने भी स्थानीय लोगों की भावना का साथ देते हुए कहा कि लगातार टेंडर कैंसिल होने की वजह से वहां के लोगों में गुस्सा है .
अब होगा क्या ?
भाजपा के ही दो दबंग नेताओं की यह लड़ाई इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है और सबकी निगाहें इस बात पर टिकी है कि जीतता कौन है क्योंकि ये सब जानते हैं कि दोनों ही नेताओं की पहुंच दिल्ली के आला नेताओं तक है .