IAS अधिकारी , झारखंड के गोड्डा जिले की महिला DM (उपायुक्त) किरण कुमार पासी सुर्खियों में आ गईं हैं। आपको बताते चलें कि किरण कुमारी पासी की गिनती तेज-तर्रार और अच्छे IAS अधिकारियों में की जाती है। गोड्डा जिले में उपायुक्त के रूप में उन्होंने कई अच्छी और ऐतिहासिक पहल की है , जिसे लेकर उनकी काफी तारीफ की जाती है।
किरण कुमारी पासी ने अपने कार्यकाल में जनता की समस्याओं को सुनने और उसके समाधान के लिए ऐसा तरीका बना दिया, जिसकी तारीफ आम जनता के साथ-साथ अधिकारी भी करते हैं। लेकिन इस बार गोड्डा की यह महिला उपायुक्त किसी और वजह से चर्चा में हैं, सुर्खियों में हैं।
हम सब जानते हैं कि एक IAS अधिकारी का कितना रूतबा होता है और अगर वो अधिकारी अपने जिले का DM हो तो फिर सोने पर सुहागा जैसे हालात हो जाते हैं। जिले का सबसे VVIP व्यक्ति वह IAS अधिकारी होता है और उसके एक इशारे पर तमाम सुविधाएं उन्हें मुहैया हो जाती है।
सरकारी व्यवस्था का आलम तो अब यह हो गया है कि आईएएस अधिकारी की तो छोड़िए, जिले का छोटे से छोटा अधिकारी भी इलाज के लिए सरकारी अस्पताल नहीं जाना चाहता है। अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाना नहीं चाहता है। लेकिन इन सबके बीच देश में कई युवा अधिकारी है जो इस सूरत को बदलने में लगे हुए हैं और किरण कुमारी पासी भी ऐसे ही अधिकारियों की लिस्ट में शामिल हो गईं हैं।
आपको बता दें कि गोड्डा की DC मां बन गईं हैं और सबसे बड़ी बात है कि उन्होंने सरकारी सदर अस्पताल में ही अपने बच्चे को जन्म दिया। आज के इस दौर के लिए तो यह बड़ी बात है। IAS अधिकारी, जिले की उपायुक्त ने प्राइवेट अस्पताल की बजाय सरकारी अस्पताल को चुना और वो भी अपनी खुद की डिलीवरी के लिए।
इसे लेकर किरण कुमारी पासी देशभर में सुर्खियों में आ गईं हैं। वो अन्य अधिकारियों और जनता के लिए एक मिसाल भी बन गईं हैं। यह एक सच्चाई है कि बड़े अधिकारी, मंत्री, मुख्यमंत्री अगर सरकारी अस्पताल में इलाज कराए, सरकारी स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाये तो इससे न केवल वहां की स्थिति में सुधार होगा बल्कि आम जनता का भी विश्वास वहां के प्रति बढ़ेगा।
किरण कुमारी पासी जी , आपको मां बनने की बहुत-बहुत बधाई। नन्हे बच्चे को ढ़ेर सारी शुभकामनाएं और आशीर्वाद। साथ ही आपके जज़्बे और हिम्मत को भी सलाम।