लोकतंत्र का सबसे महत्वपर्ण मंदिर वह भवन होता है जहां से लोक का तंत्र कार्य करता है यानि ऐसी जगह जहां बैठकर लोगों द्वारा निर्वाचित जन प्रतिनिधि जनता के समग्र हित में फैसले करते हैं। दुनिया के सबसे विशाल लोकतांत्रिक देश के लिए यह मंदिर देश का संसद भवन है। भारत का वर्तमान संसद भवन ब्रिटिशकाल का बना हुआ है। लेकिन आजाद भारत ने अब खुद से अपना नया संसद भवन बनाने का फैसला कर लिया है।
गुरुवार , 10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नये संसद भवन के निर्माण की आधारशिला रख दी। देश के नये संसद भवन का भूमि पूजन कर शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस नये संसद भवन का निर्माण समय और जरूरतों के अनुरूप परिवर्तन लाने का एक प्रयास है और आने वाली पीढ़ियां इसे देखकर गर्व करेंगी कि यह संसद भवन स्वतंत्र भारत में बनाया गया है।
पीएम मोदी ने नये संसद भवन के शिलान्यास को ऐतिहासिक और भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील का पत्थर बताते हुए कहा कि नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा और साथ ही 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी तो नया संसद भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा। उन्होने आगे कहा कि पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ तो नये भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी।
नये संसद भवन का शिलान्यास – भारतीय लोकतंत्र में मील का पत्थर
नए संसद भवन के निर्माण को देश के 130 करोड़ से ज्यादा भारतीयों के लिए बड़े सौभाग्य और गर्व का विषय बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नये संसद भवन का शिलान्यस भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर की तरह है । भारतीयों द्वारा, भारतीयता के विचार से ओतप्रोत भारत के संसद भवन के निर्माण का प्रारंभ हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं के सबसे अहम पड़ाव में से एक है। हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे। उन्होने आगे कहा कि और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर पर्व मनाएगा, उस पर्व के साथ-साथ हमारी नई संसद भी प्रेरणा बन कर सामने आए। हमारे संसद की नई इमारत बने।
सभी राज्यों की उत्कृष्ट कला, संस्कृति और विविधताओं से परिपूर्ण होगा नया संसद भवन- लोकसभा स्पीकर
इस ऐतिहासिक मौके पर बोलते हुए लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने संसद के दोनो सदनों- लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की इच्छा के मुताबिक नये संसद भवन के निर्माण की मंजूरी देने और शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया। लोकसभा स्पीकर ने दावा किया कि देश का यह नया संसद भवन देश के सभी राज्यों की उत्कृष्ट कला, संस्कृति और विविधताओं से परिपूर्ण होगा।
वर्तमान संसद भवन का उल्लेख करते हुए लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि हमारे वर्तमान संसद भवन का निर्माण 1927 में हुआ था। हमारी संसद लोगों के विश्वास और अकांक्षाओं का प्रतीक है। संसद भवन देश की आजादी, संविधान सभा और अनेक कानूनों के बनने की साक्षी रही है।