रेलवे सुरक्षा बल ( Railway Protection Force ) की पहली बटालियन को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लांच कर दिया. इस पहली बटालियन में 1200 प्रशिक्षित कमांडो है. सबसे खास बात यह है कि इसमें महिला और पुरुष दोनों ही शामिल है.
इन कमांडो को देश के अलग-अलग इलाकों में ट्रेनिंग दी गई है. इन्हें देश के उन इलाकों में तैनात किया जाएगा जहां रेलवे की संपत्तियों को नुकसान पहुंचने का खतरा ज्यादा रहता है . बताया जा रहा है कि इन कमांडो को कश्मीर और नक्सल प्रभावित इलाकों के साथ ही देश के उत्तर पूर्वी राज्यों में भी तैनात किया जाएगा. आपको बता दें कि इस बटालियन में RPF से चुने गए वो जवान ही शामिल हैं जिन्हें NSG की तर्ज पर विशेष ट्रेनिंग दी गई है.
इस मौके पर बोलते हुए केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि RPF का यह अपना कमांडो दस्ता देश भर में रेलवे और रेल यात्रियों की सुरक्षा के लिए तैनात और तत्पर रहेगा. रेलवे का यह दावा है कि इन कमांडो को सबसे अच्छी ट्रेनिंग , आधुनिक हथियार और लेटेस्ट तकनीक वाले साजो- सामान उपलब्ध करवाए जाएंगे. रेल मंत्री ने इसके लिए हरियाणा के जगाधरी में RPF कमांडो के लिए आधुनिक ट्रेनिंग सेंटर बनाने का भी ऐलान किया.
दरअसल , पिछले कुछ वर्षों में रेलवे ने देश के कई राज्यों में तेज़ी से विकास किया है. कश्मीर में लगातार नए रेलवे ट्रेक बिछाए जा रहे हैं वहीं देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी रेलवे नेटवर्क का विस्तार हो रहा है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रेलवे संपत्ति और रेलवे यात्रियों की सुरक्षा भी हमेशा रेलवे प्रशासन के लिए चिंता का सबब बना रहता है.
इसे देखते हुए लंबे समय से रेलवे में इस तरह के कमांडो दस्ते की जरूरत महसूस की जा रही थी. वर्तमान सरकार ने आखिकार इस जरूरत को जमीनी धरातल पर पूरा करने के लिए कदम बढ़ा ही दिया .