नोटबंदी के समय कैशलेस इकोनॉमी के नारे के साथ डिजिटल लेन-देन करने वालों को कई तरह की छूट दी गई थी.ऑनलाइन रेलवे टिकट करवाने पर लगने वाले शुल्क को भी इसी तर्ज पर माफ कर दिया गया था लेकिन अब इसे अस्थायी बताते हुए वित्त मंत्रालय ने यह शुल्क फिर से वसूलने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है.
आपको बता दें कि नोटबंदी से पहले स्लीपर क्लास के टिकट के लिए 20 और एसी क्लास के टिकट के लिए 40 रुपये का शुल्क लिया जाता था.
आपको बता दें कि आईआरसीटीसी की ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा से रोजाना 7 लाख के लगभग लोग टिकट बुक कराते हैं. IRCTC को इससे सालाना करीब 500 करोड़ रुपयों की कमाई हो रही थी. ऐसे में इसके बंद होने का असर इसकी आर्थिक सेहत पर भी पड़ रहा था. कमाई का एक बड़ा सोर्से बंद होने की वजह से IRCTC के लिए अपने कामकाज तक को चलाना मुश्किल होता जा रहा था.
हालांकि चार्ज की राशि क्या होगी और किस नाम से इसे वसूला जाएगा , इसे लेकर अंतिम फैसला IRCTC और रेलवे बोर्ड की बैठक में होगा.