कोरोना की वैश्विक महामारी की वजह से देश में लॉकडाउन लागू है। इसी लॉकडाउन के बीच केदारनाथ धाम के कपाट खुल गए हैं। बाबा केदारनाथ संपूर्ण विश्व का कल्याण करें और कोरोना महामारी संकट से सबकी रक्षा करें, इसी कामना से उनकी पहली पूजा की गई। सबसे बड़ी बात है कि इस दौरान पूरे विधि-विधान से पूजा की गई और वो भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरी तरह से पालन करते हुए।
12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल केदारनाथ धाम के कपाट मेष लग्न में बुधवार को सुबह 6:10 बजे ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिए गए। इसके लिए तड़के 3 बजे से ही मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई। आपको बता दें कि इसके लिए संगम से लेकर बाबा के मंदिर तक बर्फ को काटकर 4 फीट से अधिक चौड़ा रास्ता बनाया गया ।
कोरोना के कारण बदली परंपरा,सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का हुआ पालन
सुबह 3 बजे से शुरू हुई पूजा-अर्चना में रावल के प्रतिनिधि के तौर पर पुजारी शिव शंकर लिंग द्वारा बाबा की पूजा समेत तमाम धार्मिक औपचारिकताएं पूरी की गई। इसके बाद ही नियत समय पर यानि सुबह 6:10 बजे बाबा के मंदिर के कपाट खोल दिए गए। कोरोना महामारी के कारण पहली बार मंदिर में कई परंपराओं को बदल दिया गया। ऐसा पहली बार हुआ जब मंदिर के कपाट खुलते समय यहां भक्तों की लाइन नहीं लगी थी। लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का इस दौरान पूरी तरह से पालन किया गया। पूजा-अर्चना और अन्य धार्मिक औपचारिकताओं के दौरान वहां केवल 15-16 लोग ही मौजूद रहें और इन सभी लोगों ने भी सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरी तरह से पालन किया।
केदारनाथ धाम के रावल पूजा-अर्चना में शामिल नहीं हुए
बाबा केदारनाथ धाम के कपाट खुलते समय बाबा के रावल ही पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग क्वारंटीन में होने के कारण पूजा में मौजूद नहीं रहें। दरअसल, रावल 19 अप्रैल को महाराष्ट्र से उत्तराखंड लौटे थे इसलिए नियमों का पालन करते हुए हुए वो 14 दिनों के लिए उखीमठ में ही क्वारंटीन में हैं। वो 3 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेंगे इसलिए उनके प्रतिनिधि के तौर पर पुजारी शिवशंकर लिंग ने कपाट खुलने की परंपरा का निर्वहन किया।
पुजारी के साथ देवस्थानम बोर्ड के 16 लोगों को ही केदारनाथ जाने की अनुमति मिली है। कुछ मजदूरों के अलावा धाम में सुरक्षा और अन्य जरूरी प्रशासनिक इंतजाम करने के लिए पुलिस और प्रशासन के लगभग 15 लोग भी वहां पहुंचे। लेकिन इसके बावजूद भी पूजा-अर्चना के दौरान केवल 15-16 लोग ही मौजूद रहें और सबने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरी तरह से पालन किया।
खुले बाबा के कपाट-पीएम मोदी के नाम से हुई पहली पूजा
कपाट खुलने के बाद मंदिर में पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से हुई। प्रधानमंत्री मोदी के नाम से मंदिर में रुद्राभिषेक पूजा संपन्न की गई। नरेंद्र मोदी के नाम से कोरोना मुक्ति और विश्व कल्याण की मनोकामना के साथ बाबा की पूजा की गई। इससे पहले गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते समय भी इसी मनोकामना को लेकर पहली पूजा की गई थी।
बाबा के कपाट तो खुल गए लेकिन अभी श्रद्धालुओं को एंट्री नहीं
बाबा की पूजा-अर्चना के दौरान केवल 15-16 लोग ही वहां मौजूद रहें । सभी लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरी तरह से पालन किया। मंदिर में भीड़ न हो इसके लिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी है। कोरोना महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन को देखते हुए भी मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं को धाम में आने की अनुमति नहीं देने का निर्णय किया है।
15 मई को खुलेंगे बद्रीनाथ के कपाट
बुधवार सुबह केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड के 4 में से 3 धामों के कपाट खुल गए हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के अवसर पर 26 अप्रैल को ही खुल चुके हैं। चौथे धाम अर्थात बद्रीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे।