देश की सीमाओं की निगरानी करने वाला अर्द्धसैनिक बल भारत-तिब्बत सीमा पुलिस अब खादी के प्रयोग को भी बढ़ावा देने के लिए कार्य करेगा। ITBP ने इस संबंध में खादी ग्रामोद्योग आयोग- KVIC के साथ एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया है। बताया जा रहा है कि खादी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के मकसद से ITBP खादी की दरियों का इस्तेमाल करेगी। खादी ग्रामोद्योग आयोग और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के बीच अर्द्धसैनिक बलों को खादी कॉटन की दरियों की आपूर्ति करने का यह नया समझौता किया गया है।
नरेंद्र मोदी सरकार लगातार देश में खादी के प्रचार-प्रसार को लेकर कई स्तरों पर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री की इसी मंशा को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी की पहल पर खादी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर किया गया है।
खादी की दरियों को लेकर एक साल के लिए हुआ समझौता
खादी ग्रामोद्योग आयोग ने हर साल 1.72 लाख खादी कॉटन की दरियों की आपूर्ति के लिए आईटीबीपी के साथ इस समझौते के ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता पत्र पर खादी ग्रामोद्योग आयोग के उप-मुख्य कार्यकारी अधिकारी और आईटीबीपी के डीआईजी ने खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना और गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव विवेक भारद्वाज तथा केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
आपको बता दें कि यह समझौता एक साल के लिए किया गया है और आगे फिर से इसका नवीकरण किया जाएगा। 1.72 लाख दरियों की कुल कीमत 8.74 करोड़ रुपये है। खादी ग्रामोद्योग आयोग 1.98 मीटर लंबी और 1.07 मीटर चौड़ी नीले रंग की दरियों की आपूर्ति करेगा। खादी की इन दरियों को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के कारीगर तैयार करेंगे। खादी की दरियों के बाद, खादी के कंबल, चादरें, तकिये के कवर, अचार, शहद, पापड़ और प्रसाधन सामग्री जैसे उत्पादों पर भी काम किया जाएगा।
सामानों की खरीद के लिए नोडल एजेंसी है ITBP
इससे पहले, पिछले वर्ष 31 जुलाई को, खादी ग्रामोद्योग आयोग ने आईटीबीपी के साथ कच्ची घानी सरसों तेल की आपूर्ति के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था जिसका सफलतापूर्वक अनुपालन किया गया। आईटीबीपी गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त वह नोडल एजेंसी है जो देश के सभी अर्द्धसैनिक बलों की ओर से सामानों की खरीद करती है।