1984 का साल है कुछ खास – क्या है खास , जानते है आप ?

आईबी और रॉ के अलावा एनआईए, बीएसएफ से लेकर सिविल एविएशन सिक्यॉरिटी तक में 1984 बैच के आईपीएस अफसरों का ही दबदबा देखने को मिल रहा है। एनआईए, बीएसएफ , केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन अथॉरिटी के प्रमुख 1984 बैच के ही हैं।

हाल ही में भारत सरकार ने देश की दो शीर्ष जांच एजेंसियों के मुखिया के लिए नए नामों को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति – एसीसी ने आईपीएस ऑफिसर अरविंद कुमार को IB के नया निदेशक नियुक्त किया है। अरविंद कुमार को नक्सल और कश्मीर मामलों का एक्सपर्ट माना जाता है । IB में रहते हुए अरविंद कुमार नक्सली आतंक को कुचलने के लिए कई सफल ऑपरेशन कर चुके हैं। इसके अलावा उन्हें कश्मीर मामलों का भी एक्सपर्ट माना जाता है क्योंकि उन्हें काउंटर टेररिज्म ऑपरेशंस का अच्छा-खासा अनुभव है।

इसके साथ ही मोदी सरकार ने पंजाब से उग्रवाद को खत्म करने में अहम योगदान देने वाले आईपीएस अधिकारी सामंत कुमार गोयल को रिसर्च एनालिसिस विंग यानी – रॉ का नया चीफ भी बनाया है और यहीं से लकी 1984 की धारणा और भी ज्यादा मजबूत हो गई है।

आपको बता दे कि आईबी के नए निदेशक अरविंद कुमार 1984 बैच के असम-मेघालय कैडर के आईपीएस अधिकारी है। रिसर्च एनालिसिस विंग यानी रॉ के नए निदेशक सामंत कुमार गोयल भी 1984 बैच के ही पंजाब कैडर के आईपीएस अधिकारी है। लेकिन 1984 बैच के ये सिर्फ दो ही अधिकारी नहीं है जिन्हे शीर्ष पदों पर नियुक्ति मिली है । वास्तव में मोदी सरकार में 1984 बैच को काफी लकी माना जाता है क्योंकि इसी बैच के कई अधिकारी आज अलग-अलग विभागों में शीर्ष पदों पर काम कर रहे हैं।

आईबी और रॉ के अलावा एनआईए, बीएसएफ से लेकर सिविल एविएशन सिक्यॉरिटी तक में 1984 बैच के आईपीएस अफसरों का ही दबदबा देखने को मिल रहा है। एनआईए, बीएसएफ , केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, भारत तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड और ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन अथॉरिटी के प्रमुख 1984 बैच के ही हैं।

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इनमें से ज्यादातर अधिकारियों को संबंधित बलों और एजेंसियों में डीजीपी के तौर पर तैनात किया गया है। यह सिलसिला 2017 में शुरू हुआ, जब 1984 बैच के असम-मेघालय कैडर के अधिकारी वाईसी मोदी को सितंबर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी का महानिदेशक नियुक्त किया गया। इसके बाद कई अन्य अधिकारी नियुक्त हुए, जो 1984 बैच के ही थे।

वाईसी मोदी के बाद जनवरी, 2018 में तेलंगाना काडर के सुदीप लखाटिया को नैशनल सिक्यॉरिटी गार्ड का महानिदेशक बनाया गया। इसके तीन महीने बाद ही बिहार काडर के अधिकारी राजेश रंजन को अप्रैल, 2018 में सीआईएसएफ का महानिदेशक बनाया गया। 1984 बैच के यूपी कैडर के अधिकारी रजनीकांत मिश्रा को बीएसएफ में नियुक्त किया गया। मिश्रा के बाद हरियाणा काडर के अधिकारी एस.एस. देशवाल को इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस का चीफ बनाया गया। गुजरात काडर के अधिकारी राकेश अस्थाना को उड्डयन सुरक्षा निदेशालय का महानिदेशक नियुक्त किया गया।

इसलिए तो कहा जा रहा है कि 1984 का साल या यूं कहे कि 1984 का बैच , कई मायनों में है बहुत खास । लकी 1984