देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की रक्षा अब SPG के जवान नहीं करेंगे . मनमोहन सिंह अब SPG के सुरक्षा घेरे में नहीं रहेंगे क्योंकि मनमोहन सिंह को पूर्व प्रधानमंत्री होने के नाते दी गई एसपीजी सुरक्षा को भारत सरकार ने वापस ले लिया है. हालांकि 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे सिंह को जेड प्लस की सुरक्षा मिलती रहेगी.
दरअसल , एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला भारत सरकार ने विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा समीक्षा के बाद दिए गए रिपोर्ट के आधार पर लिया है . जेड प्लस सुरक्षा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल द्वारा दी जाने वाली उच्चतम सुरक्षाओं में से एक है .
अब किस-किसको मिला करेगी एसपीजी सुरक्षा ?
1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या होने के बाद 1985 में एसपीजी की स्थापना की गई थी. यह अति विशिष्ट लोगों को मिलने वाली सुरक्षा का सबसे ऊंचा स्तर होता है. इसे Special Protection Group कहते हैं. एसपीजी सुरक्षा में तैनात कमांडो अत्याधुनिक हथियार और संचार उपकरण से लैस होते हैं.
अब एसपीजी सुरक्षा के दायरे में केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ही रह गए हैं . आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब दोबारा सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने नेताओं की सुरक्षा में कटौती की हो . इसके पहले भी गृह मंत्रालय द्वारा लालू प्रसाद यादव, यूपी के मंत्री सुरेश राणा, भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी, चिराग पासवान, अखिलेश यादव जैसे बड़े नेताओं की सुरक्षा में कटौती की जा चुकी है .
जानिए क्या होता है जेड प्लस सुरक्षा के घेरे में
जेड प्लस सुरक्षा घेरे को एसपीजी सुरक्षा के बाद सबसे उच्च स्तर का माना जाता है . जेड प्लस श्रेणी में 55 कर्मियों का सुरक्षा कवर रहता है . इस श्रेणी में देश में फिलहाल 15 लोगों को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है। जेड प्लस सुरक्षा घेरे में तैनात जवानों के पास अत्याधुनिक हथियार और संचार उपकरण होते हैं और इन जवानों को मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध करने में महारथ हासिल होती है. जेड प्लस सुरक्षा घेरे के काफिले में एक जैमर वाहन भी होता है जो मोबाइल सिग्नल को जाम करने का काम करता है.