मायावती ने आखिर क्यों दी कांग्रेस को शिवसेना से सीखने की सलाह ?

बसपा सुप्रीमो मायावती ने शिवसेना की तारीफ करते हुए कांग्रेस को भी उनसे सीख लेने की सलाह दी है मसला राजनीतिक विचारधारा का है, मसला वीर सावरकर का है.

दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित भारत बचाओ रैली में राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी पर उठा राजनीतिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी राहुल पर हमला बोल रही है. महाराष्ट्र सहित देश भर में राहुल के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. यहां तक कि शिवसेना भी राहुल के बयान पर निशाना साध रही है लेकिन इस बीच मायावती ने कांग्रेस को गजब सलाह दे डाली है.

मायावती ने कांग्रेस को यह सलाह ट्विटर के जरिए दिया है. एक के बाद एक कुल मिलाकर मायावती ने तीन ट्वीट किए हैं. मायावती के इन तीनो ट्वीट को पढ़िये…

1. शिवसेना अपने मूल एजेण्डे पर अभी भी कायम है, इसलिए इन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर केन्द्र सरकार का साथ दिया और अब सावरकर को भी लेकर इनको कांग्रेस का रवैया बर्दाश्त नहीं है।

2. किन्तु फिर भी कांग्रेस पार्टी महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के साथ अभी भी बनी हुई है तो यह सब कांग्रेस का दोहरा चरित्र नहीं है तो और क्या है?

3. अतः इनको, इस मामले में अपनी स्थिति जरूर स्पष्ट करनी चाहिये। वरना यह सब इनकी अपनी पार्टी की कमजोरियों पर से जनता का ध्यान बांटने के लिए केवल कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी।

मायावती के ट्वीट से यह साफ जाहिर हो रहा है कि वह शिवसेना के अपने एजेंडें पर बने रहने को लेकर उसकी तारीफ कर रही है और साथ ही कांग्रेस पर राजनीतिक हमला बोलते हुए उसे यह सलाह भी दे रही है कि उसे तुरंत अपनी स्थिति और विचारधारा को साफ करना चाहिए. सेक्युलर होने या दिखने की इस लड़ाई में मायावती दोहरे चरित्र को लेकर भी कांग्रेस पर निशाना साध रही है.

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इशारों-इशारों में मायावती कांग्रेस को शिवसेना की तरह अपनी विचारधारा पर टिके रहने की सलाह दे रही है. हालांकि सोशल मीडिया तो सोशल मीडिया है . मायावती के ट्वीट के जवाब में कई लोग उन्हे ही अलग-अलग तरह की सलाह दे रहे हैं.