केन्द्र सरकार ने भारत कोविड-19 आपात कार्रवाई और स्वास्थ्य व्यवस्था तैयारी पैकेज के अंतर्गत 15 हजार करोड़ रुपए के महत्वपूर्ण निवेश की घोषणा की है। स्वीकृत राशि का इस्तेमाल तत्काल कोविड-19 आपात कार्रवाई (7 हजार 774 करोड़ रुपए) और शेष मिशन मोड कार्रवाई हेतु मध्य-काल सहायता (1-4 वर्ष) के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
इस पैकेज के प्रमुख लक्ष्यों में भारत में कोविड-19 के प्रभाव को धीमा और सीमित करने की आपात आवश्यकता शामिल है जिसे नैदानिक सुविधाओं का विकास और कोविड-19 की विशेष उपचार सुविधाओं, संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और दवाओं की केन्द्रीयकृत खरीद, भविष्य में रोग फैलने की स्थिति में बचाव और तैयारियों के राष्ट्रीय और राज्य स्तर की स्वास्थ्य व्यवस्था को विकसित करने, प्रयोगशालायें स्थापित करने, निगरानी गतिविधियों को बढ़ावा देने, जैव सुरक्षा तैयारियों, महामारी अनुसंधान और समुदाय का अग्रसक्रिय रूप से सहयोग लेने और जोखिम संपर्क गतिविधियों को संचालित करने से किया जाएगा। ये सभी कार्रवाई और पहल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत कार्यान्वित की जाएंगी।
इस पैकेज के तहत व्यय के प्रमुख हिस्से का उपयोग प्रभावी आपात कार्रवाई तैयार करने, राष्ट्रीय और राज्य स्वास्थ्य प्रणाली मजबूत बनाने के लिए किया जाएगा, जिसके बाद महामारी अनुसंधान और बहु-क्षेत्र राष्ट्रीय संस्थान और स्वास्थ्य के लिए प्लेटफार्म, सामुदायिक सहयोग और जोखिम संचार तथा कार्यान्वयन, प्रबंधन, क्षमता निर्माण, निगरानी और आकलन के तत्वों पर काम किया जाएगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय पैकेज के संसाधनों का विभिन्न कार्यान्वयन एजेंसियों (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, केन्द्रीय खरीद, रेलवे, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग/आईसीएमआर, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र) के बीच उभरती आपात आवश्यकता के अनुसार पुनर्विनियोजन के लिए अधिकृत होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय प्रमुख कार्रवाई नीतियों से निवारण और नियंत्रण के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र की कार्रवाई को संचालित करने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। वर्तमान में, 157 सरकारी और 66 निजी प्रयोगशालाओं के नेटवर्क युक्त कुल 223 प्रयोगशालाएं सशक्त और प्रभावी स्क्रीनिंग का काम कर रही हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोविड-19 के तत्काल रूप से निपटने के लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 4 हजार 113 करोड़ रूपए की राशि वितरित की है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने 24 मार्च, 2020 को राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रमुखता से कहा था “केन्द्र सरकार ने कोरोना वायरस मरीजों के उपचार और देश में चिकित्सा ढांचे को मजबूत बनाने के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इससे कोरोना वायरस की जांच की सुविधाओं, निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई), आइसोलेशन बिस्तर, आईसीयू बिस्तर, वेंटिलेटर और अन्य आवश्यक उपकरणों को तेजी से बढ़ाया जा सकेगा। साथ ही, चिकित्सा और अर्ध चिकित्सा कर्मियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा। मैंने राज्य सरकारों से स्वास्थ्य देखभाल को अब अपनी पहली और सर्वोच्च प्राथमिकता मानना सुनिश्चित करने को कहा गया है।”