कोरोना का असर- मंत्रियों और सांसदों के वेतन में कटौती के बाद अब सरकारी कर्मचारियों को लेकर हुआ ये फैसला

कोरोना संक्रमण के खतरे से लड़ाई अभी जारी है। लेकिन अर्थव्यवस्था और देश की आर्थिक हालत पर इसका साफ-साफ प्रभाव पड़ता हुआ भी नजर आ रहा है। अब सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के भत्ते को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। इसका असर भारत सरकार के 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा वर्तमान और पूर्व कर्मचारियों पर पड़ेगा।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार साल में दो बार डीए में बदलाव करती है जो सामान्य तौर पर बढ़ोतरी के रूप में ही होता है। इसका मकसद महंगाई में बढ़ोतरी की भरपाई करना होता है। लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए देश भर में लगाये गए संपूर्ण लॉकडाउन की वजह से सरकारी खजाने को भी राजस्व का काफी नुकसान उठाना पड़ा है। सरकार के खर्चे बढ़ गए हैं लेकिन टैक्स के रूप में होने वाली आमदनी घट गई है। ऐसे में सरकार के खजाने पर दवाब बढ़ गया है।

केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के DA बढ़ोतरी पर लगी रोक

केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक कोविड-19 से उत्पन्न हुए संकट को देखते हुए 1 जनवरी 2020 से दिए जाने वाले महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त का भुगतान रोक दिया गया है। इतना ही नहीं , 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से भविष्य में दिए जाने वाले महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्तों का भी भुगतान नहीं करने का फैसला किया गया है। हालांकि केंद्र सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि मौजूदा दरों पर इनका भुगतान किया जाता रहेगा।

केंद्र सरकार ने मार्च के महीने में ही DA में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उस समय इसकी दर को बढ़ाकर 21 फीसदी कर दिया गया था। लेकिन कोरोना लॉकडाउन की वजह से उपजे हालात में इसपर रोक लगा दी गई है। केंद्र सरकार के इस फैसले का असर 49.26 लाख मौजूदा केंद्रीय कर्मचारियों के साथ-साथ 61.17 लाख पेंशनर पर भी पड़ेगा।

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सरकारी कर्मचारियों को भविष्य में मिलेगी राहत

हालांकि केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को भविष्य में राहत देने का ऐलान करते हुए यह भी कहा है कि जैसे ही सरकार द्वारा 1 जुलाई 2021 से देय महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की भावी किस्तों को जारी करने का फैसला लिया जाएगा , 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से प्रभावी महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की दरों को भावी प्रभाव से बहाल कर दिया जाएगा। इसे 1 जुलाई 2021 से प्रभावी संचयी संशोधित दर में सम्मिलित कर दिया जाएगा। सरकार के फैसले में यह भी कहा गया है कि 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक की अवधि का कोई बकाया नहीं दिया जाएगा।

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कोरोना लोकडाउन का असर मंत्रियों,सांसदों के बाद अब कर्मियों पर भी

कोविड-19 की वजह से देश भर में लॉकडाउन लागू है और इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था और सरकार के खजाने पर भी पड़ रहा है। इसकी वजह से सरकार पहले ही मंत्रियों और सांसदों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला कर चुकी है। सांसद विकास निधि की राशि को भी रोक दिया गया है। टैक्स आमदनी की घटती राशि से चिंतित सरकार के इस फैसले से पहली बार केंद्रीय कर्मचारियों पर भी असर पड़ गया है।