हो गया कमाल , राज्यसभा में भी मोदी का धमाल – वरिष्ठ टीवी पत्रकार रविंन्द्र सिंह की कलम से

राज्य सभा का अंकगणित बदल गया है । वरिष्ठ टीवी पत्रकार रविन्द्र सिंह ने अपने ब्लॉग पर आंकड़ो के आधार पर यह दावा किया है कि मोदी सरकार ने उच्च सदन में भी बहुमत का जुगाड़ कर ही लिया है । उनके मुताबिक अब राज्यसभा में भी मोदी सरकार की राह आसान हो गई है ।

रविन्द्र सिंह, वरिष्ठ टीवी पत्रकार, के ब्लॉग से साभार

कहा जाता है सियासत में हमेशा आगे कि सोचनी चाहिये। साथ ही इतिहास से सबक लेते हुए भविष्य को सवारने की रणनीति पर अमल करना चाहिये।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी ने इस पर अक्षरशः पालन किया। जी हां, जिस तरह से पिछले लोकसभा में या मोदी सरकार 1.0 में राज्यसभा से बिल पास करना मुश्किल हो गया था,  उससे पार पाने की रणनीति चुनाव से पहले ही बना लिया गया। बिहार में जदयू और तमिलनाडु में admk के साथ सीट शेयरिंग किया गया वो दर्शाता है कि कही न कही इसके पीछे राज्यसभा का अंकगणित बदलने की भी रणनिति थी।

तभी तो तमिलनाडु में सियासी हालात जानते हुए भी ADMK के साथ समझौता किया गया और उसे NDA में शामिल कर लिया गया। भले ही इस चुनाव में उसे 1 सीट मिला हो लेकिन बीजेपी के लिये उससे ज्यादा उसके राज्यसभा के 13 सांसद मायने रखते हैं।

इन सांसदों की बदौलत NDA के पास  आज की तारीख में भी UPA और अन्य विपक्षी दलों से ज्यादा संख्या हो गई है राज्य सभा में।

राज्य सभा में अब कांग्रेस की नहीं चलेगी मनमानी।

विधेयकों के पास कराने के लिये कांग्रेस की मनुहार करने से सरकार को लगभग मिल गया छुटकारा।

3 तलाक़ जैसे बिल राज्य सभा में पारित कराने की सरकार ने बना ली है रणनीति।

लोक सभा चुनाव में भारी बहुमत से जीतकर मोदी सरकार ने सदन में विपक्ष को एक तरह से पंगु तो बना ही दिया है, राज्यसभा में भी विपक्ष के कथित मनमानी से निज़ात पा लिया है।

हाल ही में TDP के 4 सांसदों और INLD के 1 सांसद को बीजेपी में शामिल कराया गया। इन 5 सांसदों को मिलाकर राज्यसभा में बीजेपी के सदस्यों की संख्या 75 हो गई है। ये संख्या 76 होती अगर राजस्थान पार्टी अध्यक्ष मदन लाल सैनी की मृत्यु नहीं होती।

इसके अलावा गुजरात से भी 5 जुलाई को 2 सीट पार्टी के खाते में आ जायेगी। इससे बीजेपी की संख्या 77 हो जायेगी। ये सीटे गृह मंत्री अमित शाह और स्मृति ईरानी के लोक सभा में चुनकर आने से खाली हुई थी।

इसी तरह ओड़िसा में नवीन पटनायक से PM की बातचीत के बाद 1 सीट बीजेपी के खाते में आ जायेगी। उंसके बाद पार्टी के सदस्यों की संख्या 78 हो जायेगी।

बीजेपी की इस संख्या में नामांकित 7 सदस्य भी शामिल हैं, जिन्होंने बीजेपी की सदस्यता ले लिया है।

यही नहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के लोकसभा चुनाव जीतने से खाली हुई राज्यसभा सीट NDA के खाते में जा रही है। लोक सभा चुनाव के समय लोजपा से हुए समझौते के अनुसार ये सीट राम विलास पासवान को दी गई है।

पासवान के चुनकर आने के बाद राज्य सभा में NDA की संख्या 111 हो जायेगी।

मोदी सरकार को 4 निर्दलीय सांसदों का भी समर्थन हासिल है।

ये सांसद हैं…

Dr Subhash Chandra जी

Amar Singh

Parimal Barwani

और

Sanjay Dattatray Jakade.

3 नामांकित सदस्य भी सरकार के साथ है।

ये सदस्य हैं…

Swapan Das Gupta

Dr Narendra Jadhav

और

Mary Kom.

इस तरह बीजेपी, NDA के सहयोगी, नामांकित और निर्दलीय सांसदो के साथ सरकार के पक्ष में 112 सदस्य हो गए है अभी तक। आनेवाले कुछ दिनों में ये संख्या 116 हो जायेगी ।।

(Break Up

BJP…75 (now) + 2 (gujarat से )+1(ओड़िसा से ,)

Total हो जायेगा….78

AIADMK…13

JDU….6

Shivsena…3

Akali Dal….3

Sikkim Democratic Front…1

Bodo Peoples Front…1

RPI….1

AGP…..1

Independent….4

Nominated…..3

LJP…1 (पासवान के चुनकर आने के बाद)

Total….115

इसके अलावा अब उन दलों पर नजर डालते है जो मोदी सरकार को समर्थन कर सकते है।

ये दल हैं…

BJD….5

YSRC…2

Naga peoples Front…1

TRS…6

Total….14

इनको मिलकर संख्या हो जायेगी….129

राज्यसभा में मौजूदा Strength 243 है। इस तरह ये संख्या आधे से ज्यादा हो जायेगी।

आपको विपक्ष की मौजूदा ताकत की भी जानकारी दे देते हैं।

UPA…61

इसमें

Cong…48

RJD..5

NCP…4

Kerala congress (M)….1

JDs….1

IUML….1

Nominated….1 ( K T S Tulsi)

शामिल है।

इसी तरह अन्य विपक्षी दलों की संख्या  49 है।

इसमें

SP…….13

TMC….13

CPM…5

BSP…4

DMK….3

AAP…3

TDP….2

PDP….2

Independent….2 (  MP Veerendra kumar. और Ritabrata Banerjee )

UPA और NDA के विरोध वाले अन्य दल मिलकर संख्या 110 होती है।

ऐसे में इस समय भी राज्य सभा में  सरकार किसी भी बिल को पारित कराने के हालात ने दिख रही है। लेकिन जैसा की PM मोदी ने राष्ट्रपति जे अभिभाषण पर हुई बहस का जवाब देते हुए कहा था कि देहहित में विपक्ष बिल का विरोध करना छोड़ दे।

लेकिन ये तय है कि विपक्ष अपने रुख पर कायम रहेगा। ऐसे में संख्या बल के दम पर ही मोदी सरकार को 3 तलाक जैसे बिल पारित कराना होगा।

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