इस्लामाबाद । मुंबई हमले के मास्टरमाइंड आंतकी जकी-उर-रहमान लखवी को 15 साल जेल की सजा सुनाई गई है। पाकिस्तान की एक आतंकवाद रोधी अदालत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना जकी-उर-रहमान लखवी को 15 साल जेल की सजा सुनाने के साथ ही 3 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
हालांकि इसे पाकिस्तान की एक नई चाल के रूप में भी देखा जा रहा है क्योंकि FATF की बैठक से पहले लखवी को यह सजा सुनाई गई है। दरअसल, पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में लाने के बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बीच ही पाकिस्तान ने गत शनिवार को लखवी को गिरफ्तार किया था। दरअसल, जनवरी और फरवरी में ही फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स-FATF की एक अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में FATF पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखने के दर्जे पर विचार करने जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान को यह लग रहा होगा कि लखवी को सजा दिलवाने के बाद वह इस ग्रे लिस्ट से बाहर निकल सकता है। हालांकि पाकिस्तान की सच्चाई पूरी दुनिया को मालूम है।
संयुक्त राष्ट्र से आतंकवादी घोषित लखवी 2015 से ही मुंबई हमले के मामले में जमानत पर था और पंजाब सूबे के आतंकवाद निरोधक विभाग ने उसे आतंकवाद का वित्तपोषण करने के आरोप में ही गिरफ्तार किया था।आपको बता दें कि यह वही लखवी है जिसे कंधार विमान अपहरण कांड के बाद छोड़ा गया था।
आतंकवाद के खिलाफ सख्त एक्शन नहीं लेने पर ब्लैकलिस्ट हो सकता है पाकिस्तान
आपको बता दें कि पाकिस्तान अभी भी FATF की ग्रे लिस्ट में बना हुआ है लेकिन अगर वह आतंकवाद के वित्तपोषण और धनशोधन पर इसके 27 प्वाइंट के एक्शन प्लान को पूरा नहीं करता है तो उसे ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है। अक्टूबर 2020 में FATF की बैठक में पाकिस्तान को इस एक्शन प्लान को पूरी तरह से लागू करने के लिए 3 महीने का समय दिया गया था। पाकिस्तान ने 27 में से 21 प्वाइंट्स को पूरा कर लिया है लेकिन उसे अभी 6 प्लान को और पूरा करना है । FATF ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषित किए गए तमाम आतंकियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने को कहा हुआ है।