मुस्लिम बहुल इलाकों से चुन कर आए हुए लोकसभा सदस्यों से आम मुसलमान पूछ रहा है सवाल

क्या हम ऐसे ही बीजेपी के डर से आपको वोट देते रहें ताकि आप पांच साल एसी कमरों में बिरयानी और कोरमा तोड़े ? या आप लोगों की नपुंसकता को देखते हुए हम लोग भी अब बीजेपी को ही विकल्प बना लें? 

By मुहम्मद वजहुल कमर

मुस्लिम बहुल इलाकों से चुन कर आए हुए लोकसभा सदस्यों या यूं कहे कि जनप्रतिनिधियों से , मुसलमानों के नाम पर अब तक देश में राजनीति करते आए राजनीतिक दल और उनके नेताओं से देश का आम मुसलमान पूछ रहा है बुनियादी सवाल , आखिर कब तक बीजेपी का डर दिखाकर बेवकूफ बनाते रहोगे ? आप भी पढ़िये…

मुस्लिम बहुल इलाकों से चुन कर आए हुए माननीय लोकसभा सदस्य,

अस्सलामो अलैकुम !

आपको हमने इसलिए चुना है कि आप हमारी आवाज़ बनेंगे और हमारी समस्याओं के प्रति सरकार को सजग कराते रहेंगे। निरंतर और प्रभावशाली प्रयास करेंगे । परंतु हम कई दशकों से देखते आ रहे हैं कि तमाम मुस्लिम नेता चुनाव के समय जोशीला और भावनात्मक भाषण देकर हमारा वोट तो हासिल कर लेते हैं लेकिन जीतने के बाद हमारे गंभीर मुद्दों पर चुप्पी साध लेते हैं। लेकिन हर चीज़ की एक सीमा होती है। हम मुकदर्शक बने नहीं रह सकते। बीजेपी और संघ के डर से आपको बहुत लंबे समय तक वोट नहीं दे सकते। अब आपको अपनी जिम्मेदारी निर्वहन करना ही होगा। और आप अपनी जिम्मेदारियों का कितना निर्वहन कर रहे हैं निम्नलिखित सवालों के जवाब से हमें बताने का कष्ट करें!

  1. आप लिंचिग के विरोध में कौन कौन सा कदम अभी तक उठाए हैं या उठा रहे हैं या उठाने वाले हैं?
  2. क्या आप लिंचिंग के विरोध में किसी तरह का कोई धरना प्रदर्शन या भूख हड़ताल किए हैं ? क्या आप लिंचिंग के विरोध में सड़कों पर कभी उतरे हैं?
  3. क्या आपने लिंचिंग को रोकने के लिए एक सख्त कानून व्यवस्था लाने की सरकार से मांग किए हैं?  या क्या आप इस मांग के लिए अनिश्चित काल के लिए भूख हड़ताल पर कभी बैठे हैं?आपकी यह मांग सरकार मान ले इसके लिए आप कौन सा प्रभावशाली कदम उठाएं हैं या उठाने वाले हैं?
  4. क्या हम ऐसे ही बीजेपी के डर से आपको वोट देते रहें ताकि आप पांच साल एसी कमरों में बिरयानी और कोरमा तोड़े ? या आप लोगों की नपुंसकता को देखते हुए हम लोग भी अब बीजेपी को ही विकल्प बना लें?
  5. जब हमें ही सड़कों पर उतरना है और हमें स्वयं ही अपनी लड़ाई लड़नी है तो हम आपकी जगह बीजेपी को ही वोट क्यूँ न दें? हो सकता है बीजेपी के दिल में ही हमारे लिए ममता जाग जाए? हम आप जैसे नपुंसक नेताओं की जगह दुश्मन को ही दोस्त क्यूं नहीं बना लें?
  6. क्या कांग्रेस, सपा, बसपा ,राजद जैसी तथाकथित सेकुलर दल हमारे हितों की रक्षा करती है या हमारे लिए आवाज़ बन सकती है? यदि ऐसा नहीं है तो फिर आप इन दलों को क्यूँ नहीं छोड़ देते? क्या यह सच नहीं है कि आप अपनी निजी स्वार्थों के लिए इन तथाकथित सेकुलर दलों का गुणगान करते हैं?
  7. क्या आप यह मानते हैं कि तथाकथित सेकुलर दलों में आप मात्र एक मुखौटा भर हैं फिर आप किस मुंह से हमसे वोट मांगते हैं ?  और फिर हम वोट देने वालों में और मोदी भक्त में क्या फर्क रह जाता है? मोदी भक्त भी बिना कारण वोट दे रहे हैं और हम भी आपको बिना किसी काम के।
  8. मुस्लिम बहुल इलाकों से मुस्लिम विधायक और सांसद चुने जाने के बावजूद आंकडे़ बताते हैं कि मुस्लिम बहुल इलाकों में स्कूल से लेकर अस्पतालों का भारी अकाल है । तो क्या यह सच नहीं है कि आप तथाकथित सेकुलर दलों के एजेंट के तौर पर सदियों से काम करते आ रहे हैं और आज भी उनके ही एजेंडों को ढो रहे हैं? यानी आपको हमारे विकास से कोई सरोकार नहीं है क्योंकि आप यह जानते हैं कि हम आपको बीजेपी के डर से वोट दे ही देते हैं।
  9. हज कमेटी से लेकर वक्फ बोर्ड , उर्दू एकादमी,मदरसा बोर्ड आदि में सौ फीसदी आप मुस्लिम नेताओं को ही नेतृत्व रहा है फिर भी यह सभी विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है। आप इनके खिलाफ कौन सा कदम उठाएं हैं और इन विभागों को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए क्या कर रहे हैं?
  10. क्या आप यह मानते हैं कि देश में वोटों का पोलराईजेशन हो गया है और अब तथाकथित सेकुलर दलों का कोई भविष्य नहीं है? और ऐसी परिस्थिति में क्या हमें अपना नेतृत्व खड़ा करना चाहिए?
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धन्यवाद

मुहम्मद वजहुल कमर- लेखक ,अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र व मुस्लिम स्कॉलर है।

(यह लेखक के निजी विचार हैं। लेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए सिर्फ लेखक ही उत्तरदायी है । आप भी हमे अपने विचार या लेख – onlypositivekhabar@gmail.com पर मेल कर सकते हैं।)