बिहार में एनडीए को मिली जीत- 7वीं बार मुख्यमंत्री बनेंगे नीतीश कुमार ?

पंद्रह घंटे से भी ज्यादा चले रोमांचक मतगणना के दौर के बाद आखिरकार बिहार की तस्वीर साफ हो ही गई।  दिन भर एनडीए और महागठबंधन के बीच चले कड़े मुकाबले में बहुत ही कम सीटों के मार्जिन के साथ एनडीए गठबंधन को बहुमत मिल ही गया और इसी के साथ एक बार फिर से यह तय हो गया कि बिहार में एनडीए गठबंधन की ही सरकार बनने जा रही है।

एनडीए बनाम महागठबंधन – 125 बनाम 110 सीट के अंतर से हुआ फैसला

देर रात आए आखिरी चुनावी नतीजे के बाद यह साफ हो गया कि बिहार में फिर एक बार नीतीश सरकार। एनडीए गठबंधन को कुल मिलाकर 125 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल हुई । सबसे ज्यादा फायदा भाजपा में रही जो अब छोटे भाई की बजाय बड़े भाई की भूमिका में आ गई है। भाजपा को 74 सीटों पर जीत हासिल हुई जबकि इसकी तुलना में जनता दल- यूनाइटेड को महज 43 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। 2005 के बाद जनता दल यूनाइटेड अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी के खाते में 4 और जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ( सेक्युलर ) के खाते में भी 4 सीटें आई हैं। इस बार एनडीए गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ी लोकजनशक्ति पार्टी ने नीतीश कुमार की पार्टी को खासा नुकसान पहुंचाया है।

तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़े महागठबंधन ने एनडीए को कड़ी टक्कर दी। चुनाव प्रचार के दौरान भी और एग्जिट पोल के दौरान भी। मतगणना वाले दिन भी शुरुआती दौर में ऐसा लग रहा था कि एनडीए को हार का सामना करना पड़ेगा लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया महागठबंधन पिछड़ता चला गया और अंततः उसे 110 सीटों पर जाकर ही थम जाना पड़ा। राष्ट्रीय जनता दल 75 विधायकों के साथ बिहार विधानसभा में सबसे बड़े दल के रूप में उभरा लेकिन सहयोगी खासकर कांग्रेस के खराब परफॉर्मेंस ने उसे सत्ता तक पहुंचने से रोक दिया। कांग्रेस को 19 और लेफ्ट पार्टियों को कुल मिलाकर 16 सीटें ही मिल पाई।

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क्या 7वीं बार मुख्यमंत्री बनेंगे नीतीश कुमार ? 

एनडीए को इस बार मिली जीत में भाजपा का बड़ा योगदान है। दशकों तक बिहार में छोटे भाई की भूमिका में रहने वाली भाजपा इस बार गठबंधन में पहली बार बड़े भाई की भूमिका में आ गई है। इसी के साथ यह सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या नीतीश कुमार सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे ? हालांकि भाजपा के राष्ट्रीय नेता से लेकर प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल तक, सब यही दोहरा रहे हैं कि नतीजा चाहे जो भी आया हो लेकिन एनडीए गठबंधन से मुख्यमंत्री की शपथ नीतीश कुमार ही लेंगे। लेकिन क्या खुद नीतीश कुमार ऐसा चाहेंगे ?

नीतीश कुमार कब-कब बनें बिहार के मुख्यमंत्री 

  • नीतीश कुमार सबसे पहले 3 मार्च 2000 को बिहार के मुख्यमंत्री बने थे लेकिन बहुमत के अभाव में सात दिन में उनकी सरकार गिर गई।
  • 24 नवंबर 2005 को नीतीश कुमार की दूसरी बार ताजपोशी हुई।
  • 26 नवंबर 2010 को नीतीश कुमार तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने।
  • 2014 लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन 22 फरवरी 2015 को उन्होंने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
  • 20 नवंबर 2015 को नीतीश कुमार पांचवी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।
  • लगभग 18 महीने बाद उन्होंने आरजेडी का साथ छोड़ा और भाजपा के समर्थन से 27 जुलाई 2017 को छठी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

नीतीश कुमार अलग-अलग कार्यकालों में कुल मिलाकर 14 वर्षों से भी अधिक समय तक बिहार के मुख्यमंत्री का पद संभाला चुके हैं।