दिल्ली में शांति के बाद अब राजधर्म पर शुरू हो गई तकरार

दिल्ली धीरे-धीरे दंगों के जख्म से उबरने की कोशिश कर रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से लेकर दिल्ली के नवनियुक्त पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव खुद हिंसा प्रभावित इलाकों का लगातार दौरा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात का मुयायना किया तो वहीं गृह मंत्री अमित शाह भी लगातार बैठकें कर रहे हैं।

लेकिन इन सबके बीच दंगों को लेकर सरकार और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का नया दौर शुरू हो गया है। अब लड़ाई राजधर्म पर हो रही है। वीरवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी के दिग्गज नेताओं के साथ राष्ट्रपति भवन जाकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर मांग की थी कि वो केंद्र सरकार को राजधर्म निभाने को कहे। राजधर्म , इस शब्द पर कांग्रेस अध्यक्षा ने खास फोकस किया था।

शुक्रवार को सोनिया गांधी का जवाब देने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद सामने आये। भाजपा मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस आलाकमान पर सीधा निशाना साधते हुए राजधर्म पर ताबड़तोड़ कई सवाल दाग दिए।

उन्होंने पूछा कि ये कौन सा राजधर्म है जो आज कांग्रेस अपने पुराने स्टैंड, अपनी पुरानी मांग और अपने पुराने फैसलों से पूरी तरह पलट गई। उन्होंने याद दिलाया कि एक जमाने में कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह रहे हो या राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, इन सबने पड़ोसी देशों से प्रताड़ित होकर आए वहां के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारत में नागरिकता देने की मांग की थी।

रविशंकर प्रसाद ने याद दिलाया कि एनपीआर भी कांग्रेस की सरकार ने ही शुरू किया था जिसका वो आज विरोध कर रही है।

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सोनिया गांधी पर लोगों को उकसाने का आरोप लगाते हुए रविशंकर प्रसाद ने पूछा , ” ये कौन सा राजधर्म है सोनिया जी ?”