कश्मीर नीति पर मोदी सरकार को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी कामयाबी हाथ लग गई है . France में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात को दौरान दो टूक शब्दों में साफ-साफ यह कह दिया कि भारत-पाकिस्तान के बीच जो भी मसला है वो दोनों देशों के बीच का मसला है और इसमें अमेरिका सहित किसी भी देश की मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं हैं . मोदी ने दो टूक स्पष्ट शब्दों में अमेरिकी राष्ट्रपति को यह बता दिया कि आप एक अच्छे दोस्त है लेकिन पड़ोसी के साथ मतभेद सुलझाने के लिए आपकी जरूरत नहीं है.
मोदी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दें द्विपक्षीय है और दोनों देश आपस में मिलकर मुद्दों को सुलझा लेंगे. बैठक से पहले मीडिया से बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति और पीएम मोदी के बीच गजब की केमिस्ट्री भी दिखाई दी.
आपको बता दे कि पिछले कुछ दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति कई बार कश्मीर के मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने का ऑफर कर चुके हैं . फ्रांस में दोनो नेताओं की मुलाकात से पहले ही पाकिस्तान में इसे लेकर उत्साह का माहौल था कि अंकल सैम उनके पक्ष में भारतीय प्रधानमंत्री से बात करेंगे. मुस्लिम देशों के साथ छोड़ जाने से निराश पाकिस्तान की उम्मीद अमेरिकी राष्ट्रपति पर ही टिकी थी लेकिन ट्रंप के रवैये के बाद अब पाकिस्तान को समझ नहीं आ रहा है कि क्या करे.
नरेंद्र मोदी के सख्त रूख को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने भी अपने रूख को पलटने में देर नहीं लगाई. मोदी ने जैसे ही कहा कि यह दो देशों के बीच का मसला है और वो किसी तीसरे देश को कष्ट नहीं देना चाहते तो तुरंत ही अमेरिकी राष्ट्रपति भी बोले कि उन्हे उम्मीद है कि मोदी इस मसले को सुलझा लेंगे. ट्रंप बोले की कश्मीर मोदी के कंट्रोल में है.