प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब पैदल ही जाएंगे अपने ऑफिस साउथ ब्लॉक, जानिए क्यों ?

दुनिया के कई देशों में इस तरह की तस्वीरें सामने आती है जब उस देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति पैदल या साइकिल पर अपने कार्यालय जाते नजर आते हैं. बहुत जल्द इस तरह की तस्वीरें आपको अपने देश की राजधानी दिल्ली में भी देखने को मिल सकती है.

भारत सरकार नई दिल्ली के लुटियन जोन का नक्शा पूरी तरह से बदलने जा रही है. संसद भवन की नई बिल्डिंग को बनाने के साथ-साथ प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति आवास की जगह को भी बदलने की तैयारी की जा रही है. इसके बाद प्रधानमंत्री अपने नए आवास से पैदल ही अपने कार्यालय आया-जाया करेंगे.

मोदी पैदल जाया करेंगे ऑफिस

वर्तमान में प्रधानमंत्री का आधिकारिक 7 , लोक कल्याण मार्ग है जहां से उनका साउथ ब्लॉक स्थित कार्यालय दूर है. ऐसे में जब भी प्रधानमंत्री अपने आवास से कार्यालय या कार्यालय से अपने आवास आते हैं तो पूरे रास्ते के ट्रेफिक को रूट लगाकर रोक दिया जाता है. जिससे लोगों को परेशानी भी होती है और कई बार नई दिल्ली के इस वीवीआईपी इलाके में जाम की स्थिति भी पैदा हो जाती है.

लोगों की इसी परेशानी और सुरक्षा के इंतजामों को देखते हुए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास भी शिफ्ट करने का फैसला किया है. सूत्रों की माने तो  प्रधानमंत्री का नया आधिकारिक आवास उनके कार्यालय साउथ ब्लॉक के नजदीक ही बनाया जाएगा. नया आवास बनने के बाद प्रधानमंत्री पैदल ही अपने कार्यालय जा सकते हैं. पीएम मोदी के वर्तमान स्टाइल को देखते हुए इस तरह की तस्वीरें या वीडियो जल्द आपको दिखाई देने लगे तो कोई ताज्जुब नहीं होना चाहिए.

बदलेगा नई दिल्ली के लुटियंस जोन का नक्शा

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री आवास के अलावा उपराष्ट्रपति आवास को भी शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है . लुटियंस जोन में उपराष्ट्रपति आवास सहित कई भवनों को तोड़ने की तैयारी की जा रही है. सरकार की नई योजना के मुताबिक प्रधानमंत्री का आवास और कार्यालय साउथ ब्लॉक के पास होगा जबकि उपराष्ट्रपति का नया आवास नॉर्थ ब्लॉक के पास होगा.

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2022 तक बन जाएगा नया संसद भवन

सरकार की योजना 2022 तक संसद भवन की नई इमारत को भी खड़ा करने का है. बताया जा रहा है कि 2022 का संसद सत्र नए भवन में ही बुलाया जाएगा. संसद भवन की नई इमारत में 1200 के लगभग सांसदों के बैठने की व्यवस्था होगी. जिस टेबल पर वो बैठेंगे वहीं पर कंप्यूटर जैसी कई आधुनिक तकनीकों की व्यवस्था होगी ताकि सांसदों को उनके कामकाज में आसानी हो सके.