प्राकृतिक खेती (नेचुरल फार्मिंग) पर जोर देने और देश के किसानों को संदेश देने के लिए आणंद (गुजरात) में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन 14 दिसंबर से चल रहा है।
आज 16 दिसंबर को इस शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रात: 11 बजे इस कृषि और खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये देश भर के किसानों को संबोधित करेंगे।
इस शिखर सम्मेलन में देश भर के कृषि वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और किसान भाग ले रहे हैं। आईसीएआर के केन्द्रीय संस्थानों और राज्यों में कृषि विज्ञान केन्द्रों और एटीएमए (कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध एजेंसी) नेटवर्क के माध्यम से देश भर से किसान इस शिखर सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं। इस कार्यक्रम को गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी संबोधित करेंगे। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत जीरो बजट फार्मिंग पर इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी मंडलों में स्थानीय किसानों के लिए बड़ी एलईडी स्क्रीन लगा कर के प्रधानमंत्री के भाषण को लाइव दिखाने की व्यवस्था की है। अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 9,500 मंडलों में एलईडी स्क्रीन लगाने की व्यवस्था की जा चुकी है। इन मंडलों में सामूहिक रूप से किसान एक जगह एकत्रित होकर प्रधानमंत्री के उद्बोधन को सुनेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के बारे में बयान जारी करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार और भाजपा की सभी राज्य सरकारें कृषि के विकास और किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार उत्पादकता में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि किसान अपनी कृषि क्षमता को अधिक-से-अधिक करने में समर्थ हों। हमारी सरकार ने कृषि में बदलाव लाने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए अनेक उपाय शुरू किए हैं। किसानों का कल्याण हुआ और कृषि का विकास हुआ तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में। नरेन्द्र मोदी सरकार देश के लगभग 11 करोड़ किसानों के बैंक एकाउंट में किसान सम्मान निधि योजना के जरिये अब तक लगभग 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि पहुंचा दी है। भारत सरकार प्रति बोरी डीएपी पर 1200 रुपये की सब्सिडी दे रही है जिसके चलते 2400 रुपये की बोरी किसानों को महज 1200 रुपये में मिल रही है। करोड़ों किसान फसल बीमा योजना और स्वायल हेल्थ कार्ड योजना से लाभान्वित हुए हैं। किसान मानधन योजना के तहत लघु एवं सीमान्त किसानों के लिए मासिक पेंशन की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री सिंचाई योजना से हर खेत तक पानी उपलब्ध कराया जा रहा है और खेत से लेकर खलिहान तक फसल सुरक्षा कवच तैयार किया गया है।
बिना लागत (शून्य बजट) प्राकृतिक खेती की कृषि लागत सामग्री की खरीदारी पर किसानों की निर्भरता को कम करने और परंपरागत क्षेत्र आधारित प्रौद्योगिकियों पर भरोसा करते हुए कृषि की लागत को कम करने के लिए आशाजनक साधन के रूप में पहचान की गई है, जिससे मृदा स्वास्थ्य में सुधार को बढ़ावा मिलता है। इसके सन्दर्भ में चर्चा करने, किसानों को इसके लाभ का संदेश देने और कृषि को बढ़ावा देने के लिए यह शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया है