कोटा के जेके अस्पताल में बच्चों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोटा के अस्पताल में मरने वाले बच्चों का आंकड़ा बढ़कर 106 पहुंच गया है.
लेकिन इस देश की राजनीति की हालत देखिए कि जिम्मेदारी लेने और कार्रवाई की बजाय सत्ता में बैठा हर नेता आंकड़ों का खेल खेलना लगता है. राज्य कोई भी हो , सरकार किसी की भी हो , इस तरह की घटनाओं पर तुम्हारे समय-मेरे समय का खेल शुरू हो जाता है . यही खेल पिछले कुछ दिनों से राजस्थान में भी खेला जा रहा था.
इस बीच कोटा अस्पताल में लगातार बच्चों की मौत से चिंतित सोनिया गांधी ने उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को अस्पताल जाकर हालात का जायजा लेने और रिपोर्ट देने को कहा. कोटा पहुंचे सचिन पायलट ने वही सब किया जो आमतौर पर ऐसे समय में नेता करते ही हैं. लेकिन जैसे ही उन्होने बोलना शुरू किया , लोग चौंक गए.
सचिन पायलट ने बच्चों की मौत के मामले में जिम्मेदारी तय करने की बात कहते हुए ब्लेम गेम से साफ तौर पर किनारा कर लिया. राजस्थान के डिप्टी सीएम पायलट ने कहा कि 13 महीनों से हम राज्य में सरकार चला रहे हैं तो फिर हम पिछली वसुंधरा सरकार को दोष कैसे दे सकते हैं ?
सचिन ने साफ और स्पष्ट तौर पर कहा कि सत्ता में हम है , राज्य में सरकार हमारी है तो जिम्मेदारी भी हमारी है.
साफ-साफ बात कहने के लिए सचिन पायलट को हमारा सलाम. सत्ता में बैठे हर नेता को इसी तरह से सोच कर काम करना चाहिए क्योंकि मौत-मौत होती है और इसे आंकड़ों में नहीं मापा जाना चाहिए . इसे लेकर मेरी सरकार-तुम्हारी सरकार जैसा राजनीतिक खेल बिल्कुल नहीं खेला जाना चाहिए.