रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने लोगों को राहत देने के लिए लगातार चौथी बार रेपो रेट में कटौती की है. RBI ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद इसका ऐलान किया .
RBI ने आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट की कटौती का फैसला लिया गया है. इस कटौती के बाद रेपो रेट 5.40 फीसदी पर आ गया है. इससे पहले रेपो रेट की दर 5.75 फीसदी थी.
आरबीआई की ओर से रिवर्स रेपो रेट में भी कटौती की गई है. रिवर्स रेपो रेट घटकर अब 5.15 फीसदी हो गया है. पहले यह दर 5.50 फीसदी थी. रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है.
RBI ने बनाया कटौती का इतिहास…
आरबीआई की पिछली तीन मौद्रिक समीक्षा बैठकों में रेपो रेट में क्रमश: 0.25 फीसदी की कटौती की चुकी है. यानी अगस्त में लगातार चौथी बार केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट घटाई है. वहीं रिजर्व बैंक के इतिहास में पहली बार है जब गवर्नर की नियुक्ति के बाद से लगातार चार बार रेपो रेट में कमी आई है. बता दें कि साल 2018 के दिसंबर महीने में उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद शक्तिकांत दास बतौर गवर्नर नियुक्त हुए थे. इसके बाद से अब तक 4 बार आरबीआई की मीटिंग हो चुकी है.
..लेकिन बैंक क्यों नहीं दे रहे ग्राहकों को पूरा फायदा ?
आरबीआई के इस फैसले का फायदा उन लोगों को मिलना चाहिए जिनकी होम या ऑटो लोन की ईएमआई चल रही है लेकिन आरबीआई के लगातार रेपो रेट घटाने के बाद भी बैंकों ने उम्मीद के मुताबिक ग्राहकों तक फायदा नहीं पहुंचाया है.आखिर बैंक ग्राहकों के साथ यह धोखा क्यों कर रहे हैं ?
आपको याद दिला दें कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बैंकों से रेपो दर में कटौती का लाभ कर्जदारों को देने को कहा था.