नीतीश कुमार सरकार द्वारा आरएसएस से जुड़े संगठनों की जांच के आदेश से बिहार में बवाल मचा हुआ है । दरअसल , एक सरकारी आदेश की कॉपी सामने आ गई है जिसमें बिहार सरकार ने अर्जेंट आधार पर आरएसएस से जुड़े तमाम 19 हिन्दू संगठनों के पदाधिकारियों का ब्यौरा एकत्र करने का आदेश बिहार पुलिस की विशेष शाखा को दिया है। इसके बाद से ही बिहार के राजनीतिक गलियारों से कई तरह की खबरें छन कर सामने आने लगी है ।
संजय मयूख ने विधान परिषद में नीतीश सरकार से मांगा जवाब
बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी और बिहार विधान परिषद के सदस्य संजय मयूख ने विधान परिषद में इस सवाल को उठा कर नीतीश सरकार से जवाब मांगा। संजय मयूख ने कहा कि सरकार को इस मामले पर आगे आकर सारी जानकारी देनी चाहिए । उन्होने कहा कि आरएसएस इस देश की सबसे विश्वसनीय संस्था है और इस संस्था के बारे में खुफिया जांच की बात चौंकाने वाली है। सरकार को यह बताना चाहिए कि लीक हुआ पत्र सही है या नहीं और अगर ये सही है तो यह ठीक नहीं है।
लालू यादव के बड़े बेटे ने मांगा संजय मयूख से मोबाइल नंबर
बिहार विधान परिषद में राजनीतिक गर्मा-गर्मी के बीच आरएसएस से जुड़े सवाल को उठाने के बाद जैसे ही संजय मयूख बाहर निकले , उन्हे बाहर निकलते देखकर लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव भी बाहर निकल आए । तेज प्रताप यादव ने संजय मयूख को आवाद देकर बुलाया और आमना-सामना होते ही दुआ सलाम के बाद उनका मोबाइल नंबर मांग लिया। संजय मयूख ने भी तुरंत अपना मोबाइल नंबर उन्हे बता दिया। दोनों के बीच इसके अलावा क्या बात हुई इसका खुलासा बार-बार मीडिया के द्वारा पूछने के बावजूद दोनो ही नेताओं ने नहीं किया और बिना बोले ही चले गए । लेकिन तेज प्रताप के स्टाइल को जानने-समझने वाले राजनीतिक जानकार यह मानकर चल रहे हैं कि तेज प्रताप के मन में कुछ न कुछ तो चल ही रहा है और इसलिए उन्होने बीजेपी के ऐसे नेता का मोबाइल नंबर मांगा जो सिर्फ विधायक नहीं है बल्कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के साथ रहने वाले और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया विंग के सह प्रभारी भी है।
राबड़ी देवी ने भी ली चुटकी
इससे पहले बिहार विधान परिषद में आरएसएस की जांच का मुद्दा उठाने पर बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री , तेज प्रताप यादव की मां और विधान परिषद में विपक्ष की नेता राबड़ी देवी ने कहा कि नीतीश ने पहले ही आरएसएस की जड़ें मजबूत कर दी हैं। आरएसएस को मजबूत करने में नीतीश की भूमिका है, अब जांच करवाकर क्या करेंगे ? इसका जवाब सुशील मोदी और भाजपा वालों से लेना चाहिए, अब क्या कहेंगे भाजपा वाले।
बिहार सरकार ने जारी की थी चिट्ठी
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा शपथ लेने के कुछ दिन पहले ही बिहार सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े विभिन्न संगठनों की आंतरिक जांच कराने को लेकर एक खुफिया पत्र जारी किया गया था। खुफिया विभाग के इस पत्र में बिहार पुलिस की स्पेशल ब्रांच के सभी अधिकारियों से आरएसएस, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद समेत 19 हिन्दू संगठनों के नेताओं के नाम, पता, पद और व्यवसाय की जानकारी देने को कहा गया था।