विधु विनोद चोपड़ा द्वारा बनाई गई फिल्म शिकारा 7 फरवरी को रिलीज हो गई है। पहले यह दावा किया जा रहा था कि यह फिल्म कश्मीर की सच्ची घटना पर आधारित है , उस सच्ची और कड़वी याद पर जब कश्मीरी पंडितों को रातों-रात घाटी से भागना पड़ा था। जब मस्जिदों से ऐलान किया जा रहा था कि कश्मीरी पुरूष अपने घर की महिलाओं को छोड़ कर भाग जाएं। लेकिन अब यह कहा जा रहा है कि विधु विनोद चोपड़ा ने कश्मीरी पंडितों को धोखा दिया है।
फिल्म को देखकर आहत एक कश्मीरी महिला पंडित विधु विनोद चोपड़ा पर ही भड़क गई । उस महिला ने आरोप लगाया कि फिल्म को ज्यादा ही व्ययवसायिक बना दिया गया है जिसकी वजह से सच्चाई पीछे छूट गई है। उस महिला ने विधु पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं आपकी फिल्म को कश्मीरी पंडित होने के नाते अस्वीकार करती हूं।
सबसे दुखद बात तो यह है कि महिला के हंगामे के बाद विधु उस महिला पर कटाक्ष करते नजर आए की बहुत अच्छा बोली, ताली बजाओ , इनके लिए शिकारा पार्ट-2 बनायेंगे। बाद में विधु ने उस महिला और कश्मीरी पंडितों के दशकों के संघर्ष पर सवाल उठाते हुए कह दिया कि हर एक सत्य के दो चेहरे होते हैं। एक ही मुद्दें पर लोगों की विपरीत राय का होना लाजिमी है।
कश्मीरी पंडितों की आवाज उठाने वाले कई एक्टिविस्ट , सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार भी आरोप लगा रहे हैं कि कश्मीरी पंडितों के नाम पर विधू ने एक रोमांटिक लव स्टोरी बना दी है। आरोप लगाया जा रहा है कि सेक्युलरिज्म के नाम पर विधु विनोद चोपड़ा ने कश्मीरी पंडितों के साथ धोखा किया है।
इसलिए हम भी यह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या शिकारा फिल्म के डायरेक्टर विधू विनोद चोपड़ा ने कश्मीरी पंडितों को धोखा दिया है ?
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