दिल्ली। कोरोना महामारी की वजह से देशव्यापी लॉकडाउन के चलते फंसे हुए श्रमिकों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा श्रमिक स्पेशल बसें चलाई जा रही है जो एक छोटी लड़की के लिए वरदान बन कर सामने आया है।
नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में लॉकडाउन से पहले अपनी मां के साथ आंख का इलाज करवाने आई छोटी बच्ची चंचल पिछले 2 महीने से ज्यादा समय से एम्स के नजदीक धर्मशाला में बड़ी विपरीत परिस्थितियों में गुजारा कर रही थी। जब उन्हें यह पता चला कि राजस्थान सरकार द्वारा दिल्ली से फंसे हुए श्रमिकों और अन्य मजबूर लोगों को निकालने के लिए श्रमिक स्पेशल बसें चलाई जा रही है तो उन्होंने किसी के सहयोग से राजस्थान सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया। उसी डाटा से मिले फोन नंबर से जब चंचल की मां को संपर्क स्थापित कर वीरवार को श्रमिक स्पेशल बस से बांरा, राजस्थान भेजने की व्यवस्था की गई तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
चंचल की मां ने बताया कि लॉक डाउन की वजह से वें एम्स से छुट्टी मिलने के बाद भी घर नहीं जा सके और उनके पास यहां रहने की कोई व्यवस्था नहीं थी इसलिए पिछले करीब 2 महीने से एम्स के नजदीकी धर्मशाला में गुजर बसर कर रहे थे, यहां पर खाने और रहने की बहुत दिक्कतों के साथ-साथ बच्चे की दवाइयों के लिए भी उनके पास पैसे नहीं बचे ,ऐसे वक्त में अब राजस्थान सरकार की निशुल्क श्रमिक स्पेशल बस से हमारे घर जा रहे हैं इसकी हमें बहुत खुशी है।
55 श्रमिक स्पेशल बसों से अब तक 1412 लोगों को भेज चुके हैं राजस्थान
राजस्थान हाउस के डिप्टी जनरल मैनेजर मोहन कपलास ने बताया कि आवासीय आयुक्त श्रीमती टी.जे. कविथा और राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त धीरज श्रीवास्तव के निर्देशन में अभी तक 55 श्रमिक स्पेशल बसों से दिल्ली में फंसे हुए 1412 श्रमिकों को राजस्थान के विभिन्न जिलों में भेजा जा चुका है। कोआर्डिनेशन का काम देख रहे मनोज सिंह ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा दिल्ली के लिए 100 श्रमिक स्पेशल बसें लगाई गई थी, जिनके माध्यम से दिल्ली के राहत शिविरों और अन्य जगहों पर फंसे हुए मजदूरों को राजस्थान के संबंधित जिलों में भेजा जा रहा है इसमें ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन तथा व्यक्तिगत रूप से भी मजदूरों के जो डाटा प्राप्त हुआ उन्हें संपर्क स्थापित कर बसों के माध्यम से राजस्थान भेजा जा रहा हैं।