विश्व चैंपियन बनकर सिंधू ने रचा इतिहास, गोल्ड मेडल जीतकर Birthday Gift किया अपनी मां को

जापान की अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी नोजोमी ओकुहारा को एकतरफा मुकाबले में हराकर स्वर्ण पदक जीतने वाली सिंधू यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय बन गई हैं. ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधू ने 38 मिनट तक चले फाइनल में 21-7, 21-7 से जीत दर्ज की .

पीवी सिंधू ने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में महिला एकल का स्वर्ण पदक जीतकर रविवार को भारतीय खेलों में नया इतिहास रच दिया. जापान की अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी नोजोमी ओकुहारा को एकतरफा मुकाबले में हराकर स्वर्ण पदक जीतने वाली सिंधू यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली भारतीय बनी . ओलंपिक रजत पदक विजेता सिंधू ने 38 मिनट तक चले फाइनल में 21-7, 21-7 से जीत दर्ज की .

सिंधू ने इसके साथ ही दो साल पहले इस टूर्नामेंट के फाइनल में ओकुहारा से मिली हार का बदला भी ले लिया . ओकुहारा ने 2017 में उन्हें 110 मिनट तक चले फाइनल में हराया था. इस मैच को बैडमिंटन इतिहास के सबसे रोमांचक मुकाबलों में से एक जाना जाता है.

सिंधू ने मैच के बाद कहा,

‘‘ पिछली बार मैं फाइनल में हार गयी थी, उससे पहले वाले फाइनल में भी हार गयी थी ऐसे में इस बार जीत दर्ज करना मेरे लिए काफी जरूरी था . मैं हौसलाफजाई के लिए यहां के दर्शकों का शुक्रिया अदा करना चाहूंगी . मैंने अपने देश के लिए खिताब जीता है और मुझे भारतीय होने पर गर्व है . मेरे कोच गोपी सर और किम के साथ सहयोगी सदस्यों का आभार . मैं इस जीत को अपनी मां के नाम करूंगी, आज उनका जन्मदिन है .’’

सिंधू इससे पहले 2017 और 2018 के फाइनल में क्रमश: ओकुहारा और स्पेन की कैरोलीन मारीन से हार गयी थी जिससे उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था. उन्होंने इससे पहले 2013 और 2014 में कांस्य पदक जीता था . विश्व चैम्पियनशिप में सिंधू का यह पांचवां पदक है . पदकों की संख्या के मामले में सिंधू ने चीन की पूर्व ओलंपिक चैम्पियन झांग निंग की रिकार्ड की बराबरी की.

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सिंधू के स्वर्ण और प्रणीत के कांस्य पदक के साथ भारतीय खिलाड़ियों ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पिछले छह साल से कम से कम एक पदक जीतने का सिलसिला जारी रखा.

राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली सिंधू इस मुकाबले में अलग रंग में दिखी. खेल के हर विभाग में जापानी खिलाड़ी के खिलाफ उनका दबदबा देखने लायक था .उन्होंने पहले गेम की शुरूआत में ही 8-1 की बढ़त कायम कर ली.

सिधू के बड़े स्मैश का ओकुहारा के पास कोई जवाब नहीं था. उन्होने नेट का शानदार इस्तेमाल कर अपनी बढ़त को 11-2 किया. ओकुहारा ने वापसी की कोशिश की लेकिन उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले और सिंधू ने आसानी से गेम अपने नाम कर लिया.

दूसरे गेम में भी सिंधू के रिटर्न पर ओकुहारा असहज नजर आयीं. सिंधू ने कोर्ट के हर कोने में शाट लगाकर जापानी खिलाड़ी को खूब दौड़ाया. इंटरवल के समय सिंधू 11-4 से आगे थी. ब्रेक के बाद भी ओकुहारा सिंधू के कही से टक्कर देने में नाकाम रहीं.