मोदी सरकार के सबसे कामयाब मंत्रियों में गिने जाने वाले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की समझदारी का लोहा अब देश की सर्वोच्च अदालत ने भी मान लिया है। देश की सर्वोच्च अदालत केंद्रीय मंत्री से इलैक्ट्रिक वाहनों की तकनीक के बारे में समझना चाहती है। इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने नितिन गडकरी को निमंत्रण भी दिया है कि वो आये और अदालत को इस तकनीक के बारे में समझाए।
आइए आपको बताते हैं कि यह पूरा माजरा है क्या ? दरअसल , सुप्रीम कोर्ट में पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इलैक्ट्रिक तकनीक अपनाने के मामले में सुनवाई चल रही थी। इसी दौरान सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश ने भारत सरकार के वकील से पूछा कि क्या परिवहन मंत्री आकर हमें इलैक्ट्रिक वाहनों की तकनीक के बारे में जानकारी दे सकते हैं। हालांकि इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने यह भी साफ कर दिया कि इसे समन नहीं बल्कि निमंत्रण के तौर पर लिया समझा जाए।
केंद्रीय मंत्री को निमंत्रण देते समय सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि उन्हें लगता है कि अधिकारियों से ज्यादा बेहतर तरीके से इस योजना की साफ तस्वीर मंत्री ही समझा सकते हैं।
लिखित में क्यों नहीं दिया सुप्रीम कोर्ट ने आदेश ?
सुप्रीम कोर्ट के इस वक्तव्य पर सरकार के वकील ने कहा कि अगर इस तरह से केंद्रीय मंत्री को अदालत में बुलाया जाएगा तो इसका राजनीतिक असर भी पड़ेगा। बाद में अदालत ने भी सरकारी वकील के तर्क को माना और इसलिए कोर्ट ने इस संबंध में कोई लिखित आदेश पारित नहीं किया।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया पूरा मामला
इस पूरे मामले पर टिप्पणी करते हुए बाद में शीर्ष अदालत ने यह भी साफ किया कि वो सरकार को कोई आदेश नहीं दे रहे हैं बल्कि सिर्फ यह समझना चाह रहे हैं कि इलैक्ट्रिक गाड़ियों के लिए सरकार के पास क्या योजना है ? कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्री चाहे तो अपने किसी अधिकारी को भी सुप्रीम कोर्ट भेज सकते हैं जो हमें पूरी जानकारी और योजना से अवगत कराएं। इसके साथ ही कोर्ट ने एक बार फिर से यह साफ किया कि प्रदूषण को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
स्वीडन यात्रा पर है नितिन गडकरी
आपको बता दें कि इस समय केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सड़क सुरक्षा पर आयोजित तीसरे उच्चस्तरीय वैश्विक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए स्वीडन की यात्रा पर है। जहां पर वो रोड सेफ्टी के लिए आयोजित अंतर्राष्ट्रीय परिषद के चर्चा सत्र में भाग ले रहे हैं।