Tag: नरेंद्र राठी
हटो जरा, उजाला आने दो….
हटो जरा, उजाला आने दो
हटो जरा, उजाला आने दो,
हटा दो नफरत की दीवारें,
बुझा दो जलते ये अंगारे,
मिटा दो आपस से,
जाति, धर्म के ये साये,
इन...
अनजान सी डगर पे हूं – किस्सा-ए-जिंदगी
अनजान सी डगर पे हूं
सुनसान से सफ़र मे हूं,
अनजान सी डगर पे हूं।
दोस्त कई दिली मिले,
कहीं शिकवे गिले मिले,
कुछ दूर साथ चले,
कुछ छोड़...
वक्त हूं मैं – कहानी जिंदगी की
""वक्त" हूं मैं,
"वक्त" हूं मैं,
हर वक्त हूं मैं,
मुठ्ठी में रेत की तरह,
निकलता जा रहा हूं मैं,
जिंदगी से तेरी,
फिसलता जा रहा हूं मैं,
हमेशा तेरे साथ
दिन...