दिल्ली। कोरोना को हराने के लिए पूरा भारत एकजुट है। हम सब मिलकर कोरोना को हरा देंगे ,यह विश्वास हम सबको है। इस बीच भारत सरकार देश के तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर मेडिकल तैयारियों के लिहाज से भी पुख्ता बंदोबस्त करने में जुटा हुआ है। इन तैयारियों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने बयान दिया है कि किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए देश में डेढ़ लाख से अधिक बिस्तर तैयार हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि कोरोना वायरस कोविड -19 को लेकर की गई तैयारियों के अन्तर्गत देश भर में डेढ़ लाख बेड विशेष रूप से किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार रखे गए हैं।उन्होंने बताया कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए देश में व्यक्तिगत सुरक्षा किट (पीपीई) और एन -95 मास्क की कोई कमी नहीं हैं। देशवासी निश्चिंत रहें,हमारे पास पर्याप्त चिकित्सा सामग्री मौजूद है।
दूरदर्शन के नेशनल चैनल पर पैनल चर्चा में भाग लेते हुए डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि कोविड -19 के मरीज़ों का इलाज़ कर रहे डॉक्टरों की मदद के लिए दिल्ली के अखिल भारतीय आर्यूर्विज्ञान संस्थान एम्स ने एक टेली कंटेलेटेन्सी हेल्प लाईन शुरू की गई है। इससे डॉक्टर देश विदेश के किसी भी इलाके से कोविड 19 के इलाज में जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञों की सलाह ले सकेंगे।
कोविड 19 से घबराने की जरूरत नहीं है – डॉ हर्षवर्धन
डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि कोविड 19 के 80 प्रतिशत मामलों में लोग घरों में स्व-संगरोध (कोरांटीन)से ही ठीक हो जाते हैं।सिर्फ 15 प्रतिशत मरीज़ों को आॉक्सीजन और 5 प्रतिशत को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। कोरांटीन का मतलब कैद नहीं है तथा यह लोगों के अपने और उनके परिवार के हित में है।
एक दर्शक के इस सवाल पर क्या कोविड 19 कोई जैविक हथियार है ? उन्होंने कहा कि अभी ऐसे विवादित विषय पर चर्चा का कोई मतलब नहीं है।उन्होंने कहा कि आज भारत किसी भी मामले में दुनिया के किसी भी देश से पीछे नहीं है और हमें किसी से डरने की जरूरत नहीं है।
लॉकडाउन के नियमों का पालन कीजिए और कोरोना से बचिए
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि सामान्य सावधानियां बरत कर ही कोविड 19 से बचा जा सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वें आपस में एक मीटर का फासला रखें,साबुन से बार बार हाथ धोएं, सतह को साफ रखें,अपने मुंह,आंख और कानों को हाथ न लगाएं तथा बाहर से लाई हुई सब्जी वगैरह को धोकर ही उपयोग करें।
डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि लॉकडाउन की भावना का सम्मान करना, अपनी और अपने परिवार की रक्षा करने के बराबर है।हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो भी फ़ैसला लेते हैं, वो देश व देशवासियों के हित में ही होता है ।
क्या लॉकडाउन कोआगे बढ़ाया जा सकता है ? एक दर्शक के इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब अभी नहीं दिया जा सकता। देश आगे कैसे बढ़ेगा, यह कई पहलुओं पर निर्भर करेगा।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की स्थिति में लोगों के मन-मस्तिष्क में कई सवालों का उठना स्वाभाविक है।उन सवालों के जवाब में बताया कि कोविड 19 के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन की भावना का ख़्याल रखना और इसकी पालना बहुत ज़रूरी है।
डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि लॉकडाउन का उद्देश्य कोविड 19 के फैलाव को रोकने के साथ-साथ इस अवधि में इस बीमारी से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को और मजबूती प्रदान करना है।
बिना नाम लिए तब्लीगी जमात पर साधा निशाना
डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि बीते दिनों कुछ ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिससे कोविड-19 के खिलाफ़ देश के अभियान को धक्का लगा है। उन घटनाओं के कारण अचानक कोविड -19 के केसों में वृद्धि हुई है। उन्होंने लोगों से पुनः अपील की कि वे सोशल डिसटेंसिंग का सख्ती से पालन करें,यह सभी के हित में है ।
डॉ हर्षवर्धन ने कोविड 19 के खिलाफ़ ज़ंग में जुटे डॉक्टरों पर हो रहे हमलों की निंदा की
डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि हमारे कोविड योद्धा दिन-रात अस्पतालों एवं प्रयोगशालाओं में कोविड 19 को परास्त करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि जल्द ही हम इस महामारी पर विजय प्राप्त करेंगे। गृह मन्त्रालय द्वारा चिकित्साकर्मियों पर हमला करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगाने के फ़ैसले का उन्होंने स्वागत किया।
डॉ हर्षवर्धन ने बताया कि विश्व में भारत ने सबसे पहले कोरोना वायरस के विरुद्ध जंग की शुरुआत की थी जिसकी वजह से हमारे विशाल आबादी वाले देश में अपेक्षाकृत कम संख्या में संक्रमण और मृत्यु हुई है।
हमने बहुत पहले से ही विदेश से आने वाले हर नागरिक पर पैनी नज़र रखनी शुरू कर दी थी।
डॉ हर्षवर्धन ने आज रविवार को दिल्ली के निकट झज्जर में एम्स परिसर का दौरा कर कोविड 19 से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया।