जल संकट की गंभीर समस्या को देखते हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने पानी बचाने की मुहिम के तहत एक अनोखा फॉर्मूला ढूंढ निकाला है- आधा गिलास पानी।
उत्तर प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि विधानसभा परिसर के सभी दफ्तरों में पहले सभी को सिर्फ आधा गिलास पानी ही दिया जाए । इसके बाद जरूरत पड़ने पर ही दोबारा पानी दिया जाना चाहिए। दरअसल यह आमतौर पर देखा गया है कि आगंतुक पूरा पानी नहीं पीते है और कई बार आधा तो कई बार इससे भी ज्यादा पानी बेकार चला जाता है।
लेकिन अब विधानसभा स्पीकर के इस नए आदेश के बाद परिसर के सभी कार्यालयों में पहले आधा गिलास पानी ही दिया जाएगा। जरूरत पड़ने और मांगे जाने पर ही और पानी दिया जाएगा , इसका जिक्र आदेश में साफ-साफ किया गया है।
दरअसल , भारत में पीने के पानी का संकट लगातार गहराता जा रहा है। देश के 60 करोड़ लोगों को पानी के संकट से जूझना पड़ रहा है।
इसी समस्या पर समग्रता से विचार करने और समाधान तलाशने की मुहिम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार जल शक्ति नाम का नया मंत्रालय बनाया है । इसका मकसद 2024 तक ग्रामीण इलाकों के हर घर में जल संरक्षण और प्रबंधन के साथ पाइपलाइन के जरिए पेयजल पहुंचाना रखा गया है।