राहुल गांधी विदेश से वापस भारत आ चुके हैं. आने वाले दिनों में अब कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुना जाएगा और उसके बाद कांग्रेस की कार्यकारिणी का भी गठन नए सिरे से होगा . यह सब जानते हैं कि अध्यक्ष कोई भी बने , पार्टी के ढांचे को लेकर अंतिम फैसला गांधी परिवार का ही होगा .
खबरें आ रही हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू के साथ अपने ही मुख्यमंत्री द्वारा किए गए बर्ताव से नाराज राहुल गांधी पूर्व क्रिकेटर को राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका देने की तैयारी कर रहे हैं . ऐसा हुआ तो पंजाब की राजनीति में भूचाल आना तय है । पहले जरा आपको इतिहास बता देते हैं .
पंजाब की राजनीति में राहल गांधी पटियाला राज घराने के वारिस कैप्टन अमरिंदर सिंह की बजाय प्रताप सिंह बाजवा को ज्यादा पसंद किया करते थे लेकिन मजबूरी में राहुल को पंजाब में पार्टी की कमान कैप्टन को सौंपनी पड़ी . 2014 के लोकसभा चुनाव में अरूण जेटली को हराने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस को राज्य में सत्ता में लेकर आए . चुनाव जीत का सेहरा सर पर बांध कर मुख्यमंत्री भी बने लेकिन पार्टी आलाकमान उन्हे खुला नहीं छोड़ना चाहता था.
इसके बाद राहुल गांधी नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर पार्टी में आए और पंजाब में उन्हे कैप्टन अमरिंदर के मुकाबले खड़ा करने की कोशिश की लेकिन राजनीति के चतुर खिलाड़ी कैप्टन की रणनीतिक चाल कहे या फिर सिद्धू का बड़बोलापन , कैप्टन के सामने सिद्धू को मुंह की खानी पड़ी . सिद्धू अपनी पत्नी को लोकसभा का टिकट नहीं दिलवा पाए . अपना मंत्रालय नहीं बचा पाए और बाद में मंत्रिपद से भी इस्तीफा देना पड़ा.
ऐसे में अगर राहुल गांधी नवजोत सिंह सिद्धू को दिल्ली में कुछ बड़ा पद देते हैं तो फिर शायद कैप्टन अमरिंदर के लिए पार्टी में बने रहना आसान नहीं होगा . हालांकि कहने वाले तो यहां तक कहते हैं कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार नहीं है बल्कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की स्वतंत्र सत्ता है और वो पार्टी आलाकमान को ज्यादा तवज्जों नहीं देते हैं .
दिल्ली के सत्ता के गलियारों में यह खबर तेजी से फैल रही है कि कैप्टन और बीजेपी के बीच कुछ तो पक रहा है . इंतजार राहुल गांधी की गलती का किया जा रहा है . जैसे ही राहुल , सिद्धू को बड़ा पद देंगे वैसे ही पटियाला राज घराने का यह वारिस नये रास्ते की तरफ चल देगा और वह रास्ता बीजेपी के कार्यालय का हो सकता है . वैसे आपको बता दें कि आधुनिक भारतीय राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह कैप्टन के बहुत बड़े फैन भी है .
इसलिए तो यह कयास लगाया जा रहा है कि फिलहाल भोपाल और जयपुर की बजाय चंडीगढ़ पर नजरें जमाए रखिए क्योंकि कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश या राजस्थान से पहले पंजाब से बड़ी राजनीतिक खबर आ सकती है .
हालांकि कहा तो यहां तक जा रहा है कि अगर इस भी बार राहुल गांधी अपना वायदा पूरा नहीं कर पाए तो फिर नवजोत सिंह सिद्धू पुराने दरवाजे को खटखटा सकते हैं.